
सर्दियों में कोहरे के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एनएचएआई (NHAI) ने अब नए निर्देश जारी किए हैं। अब हाईवे पर वाहनों की रफ्तार 30 किमी प्रति घंटा तय की गई है और सुरक्षा के लिए पुलिस व हाईवे की टीमें लगातार गश्त करेंगी। इसके साथ ही, टोल प्लाजा पर वाहन चालकों को जरूरी मोबाइल नंबर और सुरक्षा पुस्तिकाएं भी दी जाएंगी ताकि आपात स्थिति में उन्हें तुरंत मदद मिल सके।
कोहरे में सुरक्षित सफर के लिए नई मोबाइल अलर्ट सुविधा
राजमार्गों पर सफर को सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने एक नई पहल की है, जिसके तहत चालक फोन के जरिए कोहरे की सटीक जानकारी साझा कर सकेंगे। इससे पीछे आने वाले वाहन समय रहते सतर्क हो पाएंगे और हादसों का खतरा कम होगा। हालांकि, अभी सभी राजमार्ग संचालक इन नियमों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं। एनएचएआई (NHAI) ने सख्त निर्देश दिए हैं कि 27 दिसंबर 2025 तक इन व्यवस्थाओं को हर हाल में लागू किया जाए, अन्यथा लापरवाह संचालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर होगा सुरक्षित
लखनऊ से जुड़ने वाले प्रमुख नेशनल हाईवे (जैसे कानपुर, अयोध्या और सीतापुर रोड) पर हादसों को कम करने के लिए एनएचएआई ने अब कड़े नियम लागू किए हैं। नए निर्देशों के अनुसार, रात के समय सड़कों पर रिफ्लेक्टर, डिवाइडर और क्रॉसिंग के पास रोशनी के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। साथ ही, पुलिस और हाईवे की टीमें हर हफ्ते रात में निरीक्षण करेंगी और यातायात को सही दिशा दिखाने के लिए लाल व हरी चमकती छड़ियों (लाइट स्टिक) का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सड़क सुरक्षा के लिए एनएचएआई के नए निर्देश
सड़क हादसों को रोकने के लिए एनएचएआई (NHAI) ने नए सुरक्षा नियम जारी किए हैं। इसके तहत अब रास्तों के किनारे लगे बैरियरों पर रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य होगा, ताकि रात के समय वे ड्राइवरों को दूर से ही साफ दिखाई दें। खतरनाक मोड़ों (ब्लैक स्पॉट) पर रोशनी का बेहतर इंतजाम किया जाएगा और सड़क की बनावट में भी सुधार होगा। इसके अलावा, शहरों और ग्रामीण इलाकों में राजमार्गों पर खास तरह के ‘मीडियन मार्कर’ लगाए जाएंगे, जिससे वाहनों को सही दिशा और दूरी का अंदाजा आसानी से मिल सके।
सुरक्षित सफर के लिए NHAI के नए सुरक्षा मानक
- कोहरे में रोशनी: नेशनल हाईवे पर लगी लाइटों को रात और कोहरे के दौरान समय से पहले ही चालू कर दिया जाएगा ताकि विजिबिलिटी बनी रहे।
- हाईमास्ट लाइट का उपयोग: जहाँ से डिवाइडर शुरू होता है, वहाँ 25 मीटर ऊँची हाईमास्ट लाइटें लगाई जाएँगी ताकि दूर से ही रास्ता साफ दिखे।
- सोलर लाइटें (सौर ऊर्जा): छोटे पुलों, आरओबी (ROB) और चढ़ाव-उतार वाले रास्तों पर सोलर स्टड लगाए जाएँगे। स्लिप रोड के दोनों तरफ 5-5 सोलर सुरक्षा लाइटें लगेंगी।
- निर्माण क्षेत्र में सुरक्षा: जहाँ सड़क का काम चल रहा है या रास्ता बदला गया है (डायवर्जन), वहाँ बैरिकेडिंग, रोड स्टड, और सोलर ब्लिंकर जैसे संकेतों का पुख्ता इंतजाम होगा।
- वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप: राजमार्ग पर चलने वाले वाहनों की पूरी चौड़ाई पर रिफ्लेक्टर टेप लगाना अनिवार्य होगा—आगे की तरफ सफेद और पीछे की तरफ लाल रंग की टेप।









