
देहरादून में सरकारी चावल की सप्लाई ठप होने से उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गोदामों में चावल न पहुँचने के कारण सस्ता गल्ला दुकानों पर राशन का वितरण नहीं हो पा रहा है, जिससे परेशान दुकानदार लगातार पूर्ति विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। इस समस्या का सीधा असर सरकारी स्कूलों पर भी पड़ रहा है, जहाँ बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन) के लिए राशन खत्म होने की कगार पर है। राशन की कमी ने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
देहरादून में राशन और मिड-डे मील पर संकट
देहरादून जिले के करीब 3.75 लाख राशन कार्ड धारकों और 30 सरकारी स्कूलों को इस महीने चावल मिलने में देरी हो रही है। केंद्र से ‘फोर्टीफाइड’ (पोषक तत्वों से भरपूर) चावल न मिल पाने के कारण राइस मिलर्स ने सप्लाई रोक दी है, क्योंकि सामान्य चावल में इसे मिलाना अनिवार्य है। इस वजह से सरकारी गल्ले की दुकानों और स्कूलों के मध्याह्न भोजन के लिए चावल नहीं पहुँच पा रहा है। हालांकि, विभाग को उम्मीद है कि महीने के आखिरी हफ्ते तक सप्लाई दोबारा शुरू हो जाएगी और लोगों को राशन मिलने लगेगा।
सरकारी स्कूलों और राशन की दुकानों पर चावल की कमी जल्द होगी दूर
खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी हरेंद्र सिंह रावत ने बताया है कि गोदामों में चावल खत्म होने की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है। चावल की कमी के कारण फिलहाल गोदाम खाली पड़े हैं, जिससे राशन कार्ड धारकों और सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील की सप्लाई प्रभावित हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए राइस मिल मालिकों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि जैसे ही पौष्टिक (फोर्टीफाइड) चावल तैयार हो, उसे तुरंत गोदामों तक पहुँचाया जाए ताकि जनता और बच्चों को जल्द से जल्द चावल मिल सके।









