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अब टोल पर रुकने का झंझट खत्म! नितिन गडकरी ला रहे हैं AI कैमरा सिस्टम, ऐसे कटेगा टोल का पैसा

टोल प्लाजा की लंबी लाइनों और ट्रैफिक जाम से अब हमेशा के लिए छुटकारा मिलने वाला है! नितिन गडकरी का नया AI कैमरा सिस्टम सीधे आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट से टोल वसूल लेगा। जानिए कब से शुरू हो रहा है यह डिजिटल सिस्टम और कैसे बदल जाएगा आपके सफर का अंदाज।

By Pinki Negi

अब टोल पर रुकने का झंझट खत्म! नितिन गडकरी ला रहे हैं AI कैमरा सिस्टम, ऐसे कटेगा टोल का पैसा
अब टोल पर रुकने का झंझट खत्म

हाईवे पर सफर के दौरान अक्सर फास्टैग (Fastag) मशीन में खराबी या टोल बूथ पर भारी ट्रैफिक के कारण समय बर्बाद होता है। इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र सरकार अब AI आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करने जा रही है। इस नई तकनीक के आने से गाड़ियों को टोल पर रुकना नहीं पड़ेगा और लंबी लाइनों से छुटकारा मिलेगा। यह सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अपने आप टोल वसूल लेगा, जिससे आपका सफर पहले से कहीं ज्यादा तेज और आसान हो जाएगा।

साल 2026 तक बदल जाएगा टोल सिस्टम

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि सरकार दिसंबर 2026 तक पूरे देश में मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम (MLFF) लागू करने की तैयारी में है। यह नई तकनीक मौजूदा फास्टैग से भी ज्यादा आधुनिक होगी। इसमें टोल टैक्स देने के लिए गाड़ी को रोकने या धीमा करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ेगी। जब गाड़ी हाईवे से गुजरेगी, तो चलते-चलते ही अपने आप टोल कट जाएगा, जिससे आपका सफर बिना किसी रुकावट के और भी तेज हो जाएगा।

जाम और ईंधन की बर्बादी से मिलेगी मुक्ति

फास्टैग (FASTag) आने के बावजूद आज भी टोल प्लाजा पर टैग स्कैन न होने और बैरियर के कारण ट्रैफिक जाम जैसी परेशानियां बनी हुई हैं। नेशनल हाईवे पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया है कि पुराने टोल मॉडल से समय और पेट्रोल-डीजल दोनों की बर्बादी हो रही है। इसी समस्या को हल करने के लिए सरकार अब एक ऐसा डिजिटल टोल सिस्टम ला रही है, जहाँ कोई बैरियर नहीं होगा। इससे गाड़ियाँ बिना रुके सीधे निकल सकेंगी, जिससे यात्रा तेज और आरामदायक हो जाएगी।

बिना रुके कटेगा टोल

नया टोल सिस्टम ‘मल्टी-लेन फ्री फ्लो’ (MLFF) मॉडल पर काम करेगा, जिसमें अब आपको हाईवे पर पारंपरिक टोल बूथ नहीं दिखेंगे। इसकी जगह सड़क के ऊपर खास तरह के लोहे के ढांचे (गैन्ट्री) लगाए जाएंगे, जिन पर हाई-टेक कैमरे और सेंसर लगे होंगे।

जैसे ही आपकी गाड़ी यहाँ से गुजरेगी, AI सिस्टम आपकी नंबर प्लेट को पहचान लेगा और सीधे आपके अकाउंट या फास्टैग से पैसे काट लेगा। सबसे अच्छी बात यह है कि 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर भी यह सिस्टम काम करेगा, जिससे आपको टोल देने के लिए गाड़ी धीमी करने या रोकने की बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ेगी।

FASTag और AI मिलकर करेंगे काम

अगर आप सोच रहे हैं कि नया सिस्टम आने पर FASTag बेकार हो जाएगा, तो ऐसा नहीं है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि FASTag फिलहाल चलता रहेगा और नया AI सिस्टम इसी के साथ मिलकर काम करेगा। आपको अपनी गाड़ी पर कोई नया टैग लगाने की ज़रूरत नहीं होगी।

यह नई तकनीक AI कैमरों और GPS की मदद से आपकी नंबर प्लेट को पहचानेगी और सीधे FASTag के जरिए ही टोल काट लेगी। शुरुआत में यह पूरा सिस्टम FASTag के आधार पर ही चलेगा ताकि टोल वसूली की प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटिक और तेज हो सके।

AI टोल सिस्टम से यात्रियों को मिलेगी सुविधा

नए टोल सिस्टम के आने से आम जनता को काफी राहत मिलेगी। टोल प्लाजा पर रुकने की मजबूरी खत्म होने से न सिर्फ समय बचेगा, बल्कि बार-बार ब्रेक लगाने और गाड़ी स्टार्ट करने से होने वाले ईंधन (फ्यूल) की भी भारी बचत होगी। साथ ही, इस पारदर्शी तकनीक से टोल कलेक्शन में होने वाली गड़बड़ियां रुकेंगी, जिससे सरकार की कमाई बढ़ेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, इस अतिरिक्त आमदनी का इस्तेमाल देश के हाईवे और सड़कों को और भी बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।

डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी

अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या कैमरों और AI सिस्टम से हमारी प्राइवेसी को खतरा है? इस पर सरकार का कहना है कि नए टोल सिस्टम का इस्तेमाल सिर्फ ट्रैफिक मैनेज करने और टोल टैक्स वसूलने के लिए ही किया जाएगा। आपके वाहन से जुड़ी सभी जानकारियां सुरक्षित सर्वर पर रखी जाएंगी और डेटा सुरक्षा के कड़े नियमों का पालन होगा। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस डेटा का कोई गलत इस्तेमाल नहीं होगा और लोगों की निजता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

साल 2026 तक पूरे देश में लागू होगा AI टोल सिस्टम

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, सरकार इस नई तकनीक को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना बना रही है। शुरुआत में इसे कुछ खास हाईवे कॉरिडोर पर शुरू किया जाएगा और सफलता मिलने के बाद इसे पूरे देश में विस्तार दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2026 के अंत तक भारत के सभी नेशनल हाईवे पर यह आधुनिक AI-आधारित डिजिटल टोलिंग सिस्टम पूरी तरह काम करने लगे।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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