जमीन या मकान बेचने पर जो मुनाफा होता है, उस पर भारी टैक्स लगता है। लेकिन सही प्लानिंग से इस टैक्स को जीरो तक लाया जा सकता है। दो खास नियमों का इस्तेमाल करके आप अपना पैसा नई प्रॉपर्टी में लगाकर पूरी छूट पा सकते हैं। ये तरीके हर आम आदमी के लिए हैं, बस समय पर कदम उठाएं।

पुराना घर बेचा तो नया घर लें
अगर आपका पुराना आवासीय मकान बेच रहे हैं, तो उसके मुनाफे पर टैक्स न चुकाने का सबसे आसान रास्ता नया मकान खरीदना है। बिक्री वाले साल के पहले 1 साल में या अगले 2 साल के अंदर नया घर ले लें। अगर खुद बनवा रहे हैं तो 3 साल का समय मिल जाता है। मुनाफा जितना हो या नई प्रॉपर्टी की कॉस्ट, जो कम हो, उतना टैक्स माफ हो जाता है। ऊपरी सीमा 10 करोड़ रुपये रखी गई है।
एक खास मौका ये भी है कि अगर मुनाफा 2 करोड़ से कम है, तो आप दो नए मकानों में पैसा लगा सकते हैं। ये सुविधा जिंदगी में सिर्फ एक बार मिलती है। लेकिन ध्यान रखें, नया मकान 3 साल के अंदर बेच दिया तो पुरानी छूट कैंसल हो जाएगी। इससे छोटे-मोटे निवेशक भी फायदा उठा पाते हैं।
जमीन या शेयर बेचे तो घर में डालें पैसा
जमीन, प्लॉट या स्टॉक जैसी चीजें बेची हैं? तब भी टैक्स बचाने का मौका है। पूरी बिक्री की रकम के हिसाब से नया आवासीय मकान खरीदें। नियम ये है कि मुनाफा नई प्रॉपर्टी की कीमत और कुल बिक्री रकम के अनुपात से तय होता है। खरीदारी का समय भी वैसा ही – 1 साल पहले या 2 साल बाद। निर्माण पर 3 साल।
महत्वपूर्ण शर्त ये कि बिक्री के दिन आपके पास कोई और मकान न हो। अगर हो गया तो ये फायदा नहीं मिलेगा। ये तरीका उन लोगों के लिए बेस्ट है जिनके पास कई तरह की संपत्तियां हैं। उदाहरण लें, 50 लाख की जमीन बिकी और 40 लाख का नया घर लिया, तो अच्छा-खासा टैक्स बच जाएगा।
दोनों तरीकों में फर्क समझें
| बात | पहला तरीका (घर से घर) | दूसरा तरीका (अन्य से घर) |
|---|---|---|
| क्या बेचें | सिर्फ पुराना घर | जमीन, शेयर या कोई और चीज |
| कितना निवेश | सिर्फ मुनाफा पर्याप्त | पूरी बिक्री रकम का बड़ा हिस्सा |
| घर कितने | दो तक (खास शर्त पर) | सिर्फ एक |
ये टेबल साफ बताती है कि कौन सा तरीका कब अपनाएं। पहला घरवालों के लिए, दूसरा विविध संपत्ति रखने वालों के लिए।
प्लानिंग के सुनहरे टिप्स
समय पर निवेश न हो पाए तो सरकारी कैपिटल गेन अकाउंट में पैसा डाल दें। बाद में इस्तेमाल कर छूट लें। रिटर्न फाइलिंग से पहले सब कागजात तैयार रखें। ये फायदा सिर्फ व्यक्तियों और परिवारों को मिलता है, बिजनेस फर्मों को नहीं।
टैक्स बचाने से पहले अपनी कमाई का हिसाब लगाएं। ऑनलाइन कैलकुलेटर यूज करें। नया बजट आने से पहले ये मौके इस्तेमाल करें। सही सलाहकार से बात करें ताकि कोई गलती न हो। लाखों रुपये बचाकर आपकी जेब मजबूत हो जाएगी। स्मार्ट बनें, टैक्स न दें!








