ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission – NLM) आज पशुपालकों के लिए एक बड़ी आर्थिक मदद बनकर उभरी है। इस योजना के तहत सरकार पशुपालन को एक संगठित व्यवसाय के रूप में विकसित करने के लिए 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी (Subsidy) प्रदान कर रही है।

खास बात यह है कि यह योजना न केवल किसानों, बल्कि ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को भी स्वरोजगार से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही है। बकरी पालन (Goat Farming), भेड़ पालन (Sheep Rearing), मुर्गी पालन (Poultry Farming) और सूअर पालन (Pig Farming) जैसे क्षेत्रों में निवेश कर लोग गांव में रहते हुए ही अच्छी कमाई कर पा रहे हैं।
क्या है राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission)?
National Livestock Mission की शुरुआत केंद्र सरकार ने वर्ष 2014–15 में की थी। बाद में इसे और प्रभावी बनाने के लिए 2021–22 में नए सिरे से पुनर्गठित (Revamped) किया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुधन क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाना, पशुपालन को व्यवसाय के रूप में विकसित करना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना है।
सरकार का मानना है कि अगर पशुपालन को वैज्ञानिक और व्यावसायिक तरीके से बढ़ावा दिया जाए, तो यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकता है। इसी सोच के तहत NLM Scheme 2025 का संचालन किया जा रहा है।
किसे मिलता है योजना का लाभ?
राष्ट्रीय पशुधन मिशन का लाभ—
- छोटे और सीमांत किसान
- ग्रामीण युवा
- महिलाएं
- स्वयं सहायता समूह (SHGs)
- नए उद्यमी (Entrepreneurs)
उठा सकते हैं। योजना का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपने संसाधनों का उपयोग कर स्थायी आय (Sustainable Income) अर्जित कर सकें।
कितनी मिलती है सब्सिडी? जानिए पूरा गणित
इस योजना के तहत अगर कोई किसान या युवा पशुपालन व्यवसाय शुरू करने के लिए 1 करोड़ रुपये तक का लोन (Loan) लेता है, तो सरकार उसे 50% तक की सब्सिडी देती है।
सब्सिडी की मुख्य शर्तें:
- अधिकतम सब्सिडी: 50 लाख रुपये तक
- सब्सिडी सीधे बैंक खाते में DBT के जरिए ट्रांसफर
- बकरी, भेड़, सूअर और मुर्गी पालन की यूनिट पर लागू
इस सब्सिडी की मदद से पशुपालक पशुओं की खरीद, शेड निर्माण, चारा व्यवस्था और अन्य जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में बदल रही है तस्वीर
देश के कई राज्यों में National Livestock Mission के तहत पशुपालन करने वाले किसान गांव में रहकर सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। इससे न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, बल्कि गांव से शहरों की ओर होने वाला पलायन (Migration) भी कम हो रहा है।
कई पढ़े-लिखे युवा अब नौकरी की बजाय पशुपालन को करियर के रूप में चुन रहे हैं। वे न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं।
किस तरह के पशुपालन पर मिलती है मदद?
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत मुख्य रूप से इन क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जाता है:
- Goat Farming (बकरी पालन)
- Sheep Rearing (भेड़ पालन)
- Poultry Farming (मुर्गी पालन)
- Pig Farming (सूअर पालन)
इन सभी क्षेत्रों में बाजार की मांग लगातार बनी रहती है, जिससे व्यवसाय को लंबे समय तक चलाया जा सकता है।
कैसे करें National Livestock Mission के लिए आवेदन?
जो लोग इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें कुछ जरूरी चरणों का पालन करना होता है।
आवेदन की प्रक्रिया:
- सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://nlm.udyamimitra.in/ पर जाएं
- अपने पशुपालन व्यवसाय की Project Report तैयार करें। इसमें शामिल करें:
- किस पशु का पालन करेंगे
- पशुओं की संख्या
- अनुमानित लागत और आय
- यह प्रोजेक्ट रिपोर्ट अपने नजदीकी:
- पशुपालन विभाग
- नाबार्ड (NABARD)
- या संबंधित बैंक
में जमा करें।
- District Level Implementation Committee (DLIC) से मंजूरी मिलने के बाद सब्सिडी की राशि सीधे आपके बैंक खाते में भेज दी जाती है।
योजना क्यों है खास?
- ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाती है
- रोजगार के नए अवसर पैदा करती है
- गांवों में रहकर ही स्थायी आय का जरिया
- कृषि के साथ पशुपालन को जोड़कर जोखिम कम करती है
National Livestock Mission 2025 पशुपालकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। 50% तक की सरकारी सब्सिडी और आसान लोन की मदद से कोई भी इच्छुक व्यक्ति पशुपालन को एक सफल व्यवसाय में बदल सकता है। यह योजना न सिर्फ किसानों की आय बढ़ा रही है, बल्कि ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में भी अहम भूमिका निभा रही है।









