
केंद्र सरकार, ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार देने वाले MGNREGA (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम) का नाम बदलने की तैयारी कर रही है। अब इसकी जगह ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ (VB-GRAM JI) एक्ट लाने का प्रस्ताव है, जो ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य के अनुसार होगा।
इस नए एक्ट में ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्यों को बिना मशीन के काम करने के लिए 100 के बजाय 125 दिनों के रोज़गार की कानूनी गारंटी मिलेगी। सरकार का कहना है कि इसका उद्देश्य सिर्फ रोज़गार देना नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में पक्की सड़कें और इंफ्रास्ट्रक्चर भी बनाना है। इस योजना से ग्रामीण मज़दूरों के साथ-साथ किसानों को भी लाभ होगा, क्योंकि राज्यों को 60 दिनों तक काम रोकने की अनुमति होगी ताकि मज़दूर खेती में सहायता कर सकें।
मनरेगा के नए नियम और बदलाव
इस योजना में सिर्फ नाम ही नहीं, बल्कि कई दिशानिर्देश भी बदले गए हैं। अब मजदूरों को 100 दिनों के बजाय 125 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलेगी। साथ ही, ग्राम पंचायतें अब अपनी ‘विकसित ग्राम पंचायत योजना’ खुद बनाएंगी। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब पुराने जॉब कार्ड से काम नहीं मिलेगा, बल्कि मजदूरों को ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड बनवाना होगा, और इसी कार्ड के आधार पर उन्हें आगे रोजगार दिया जाएगा।
ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के परिवार के कोई भी सदस्य रोजगार गारंटी कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति को अपने ग्राम पंचायत ऑफिस जाना होगा। वहाँ उन्हें एक फॉर्म में अपना नाम, उम्र और पता जैसी बुनियादी जानकारी दर्ज करवानी होगी, जिसके बाद वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड (जैसे मनरेगा) बनवाने के लिए आपको आधार कार्ड, आप जिस गाँव में रहते हैं वहाँ का आवास प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, और बैंक खाता नंबर देना होगा। कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में आपको ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ सकता है, इसलिए अपने दस्तावेज़ तैयार रखें।
वीबी-जी राम जी योजना के तहत विशेष जॉब कार्ड
वीबी-जी राम जी योजना के अंतर्गत विशेष जॉब कार्ड जारी किए जाएंगे। ये खास ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड अकेले जीवनयापन करने वाली महिलाओं (सिंगल वुमेन) को मिलेंगे। इनके अलावा, दिव्यांग व्यक्ति, 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, ट्रांसजेंडर और कुछ विशेष जनजातियों के लोगों को भी यह कार्ड दिया जाएगा। पहचान के लिए, इन विशेष कार्डों का रंग सामान्य जॉब कार्ड से अलग रखा जाएगा।









