
दिल्ली-एनसीआर में आजकल प्रदूषण, घना कोहरा और कड़ाके की ठंड एक साथ मिलकर बहुत मुश्किल पैदा कर रहे हैं। इन खराब हालात में बच्चों को स्कूल पहुँचने में काफी परेशानी हो रही है। कई अभिभावक और विशेषज्ञ यह सवाल उठा रहे हैं कि क्रिसमस और नए साल के आसपास होने वाली सर्दी की छुट्टियों की पुरानी परंपरा को बदलना चाहिए। उनका कहना है कि जब मौसम सबसे ज्यादा खराब होता है, तभी छुट्टियाँ क्यों नहीं की जातीं? हर साल यह देखा जाता है कि दिसंबर में प्रदूषण और ठंड चरम पर होती है, लेकिन छुट्टियों के समय मौसम अक्सर साफ हो जाता है।
प्रदूषण और ठंड से बढ़ी साँस की बीमारियाँ
ग्रेटर नोएडा के जिम्स (GIMS) अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता के अनुसार, प्रदूषण और कड़ाके की ठंड लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। अस्पताल की ओपीडी में साँस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या बहुत बढ़ गई है। अब रोज़ाना आने वाले 1500 से ज़्यादा मरीजों में से 30-40 प्रतिशत लोग साँस की समस्या से पीड़ित हैं। इनमें मुख्य शिकायतें हैं: साँस लेने में दिक्कत, लगातार खांसी और गले का इन्फेक्शन। साथ ही, कई लोग आँखों में जलन की शिकायत भी कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को इससे सबसे ज़्यादा परेशानी हो रही है।
बच्चों के स्वास्थ्य के लिए स्कूलों की छुट्टियाँ जल्द हों
अभी हालात बहुत खराब हैं, क्योंकि सर्दी के साथ-साथ प्रदूषण भी बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। स्कूल प्रबंधन अक्सर अंग्रेजी कैलेंडर देखकर ही छुट्टियाँ (न्यू ईयर और क्रिसमस के आस-पास) करते हैं, जो सही नहीं है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए, शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए और स्कूलों में जल्द छुट्टी घोषित करने का आदेश देना चाहिए।
स्कूलों में सर्दी की छुट्टियां जल्दी शुरू करें
ग्रेटर नोएडा के माता-पिता चाहते हैं कि प्रदूषण और कोहरे के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्कूलों में सर्दी की छुट्टियां जल्दी शुरू कर देनी चाहिए। निवासी सविता का कहना है कि जनवरी में छुट्टी देने के बजाय, स्कूलों को प्रदूषण के समय छुट्टी देनी चाहिए। वहीं, पैरेंट्स अमित दास का मानना है कि सरकार को जल्द ही छुट्टी का ऐलान करना चाहिए ताकि बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।
प्रदूषण के कारण स्कूल की छुट्टियों में बदलाव जरूरी
न्यू ईयर के पास स्कूलों में छुट्टी देने का समय सही नहीं है। इस समय एनसीआर (NCR) में प्रदूषण बहुत बढ़ रहा है, जिसका बुरा असर बच्चों और बड़ों की सेहत पर पड़ रहा है। मौजूदा हालात को देखते हुए जिला प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत स्कूल की छुट्टियों के समय में बदलाव करे, ताकि बच्चों को प्रदूषण से बचाया जा सके।









