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यूपी में सभी बिजली मीटर भी बदले जाएंगे! UPPCL ने तय कर दी मियाद, जानें कब तक होगा काम

उत्तर प्रदेश में करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर! UPPCL ने राज्य के सभी बिजली मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदलने की समय सीमा (मियाद) तय कर दी है। आपका पुराना मीटर कब तक बदला जाएगा और नई तकनीक से आपको क्या फायदे मिलेंगे? पूरा प्लान जानें!

By Pinki Negi

यूपी में सभी बिजली मीटर भी बदले जाएंगे! UPPCL ने तय कर दी मियाद, जानें कब तक होगा काम
बिजली मीटर

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य में लगे 11 लाख से ज़्यादा पुराने और खराब स्मार्ट मीटरों को अब बदला जाएगा। इन सभी मीटरों की जगह मार्च 2027 तक नए, बेहतर ‘स्मार्ट प्रीपेड मीटर’ लगाए जाएंगे। यह काम केंद्र सरकार की RDSS योजना के तहत किया जाएगा, ताकि बिजली उपभोक्ताओं को भरोसेमंद और लगातार बिजली मिल सके।

अप्रैल 2018 में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का हुआ था समझौता

उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के घरों में जो पहले के स्मार्ट मीटर लगे थे, वे पुरानी 2G-3G तकनीक पर आधारित थे। इन्हें ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (EESL) ने लगाया था, जो NTPC और अन्य सरकारी कंपनियों का एक संयुक्त उद्यम (Joint Venture) है। UPPCL और EESL के बीच अप्रैल 2018 में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का समझौता हुआ था, लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि 2025 के अंत तक इनमें से सिर्फ़ 12.04 लाख मीटर ही लग पाए हैं।

स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट क्यों रुका था?

अगस्त 2020 में जन्माष्टमी की रात तकनीकी ख़राबी के कारण करीब 1.58 लाख स्मार्ट मीटर अचानक ग्रिड से कट गए थे, जिससे बिजली व्यवस्था गड़बड़ा गई। इस बड़ी गड़बड़ी के बाद, तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस प्रोजेक्ट पर कड़ी नाराज़गी जताई और सभी मीटर लगाने पर रोक लगा दी थी। इसी घटना के कारण एक साल से ज़्यादा समय तक मीटर लगाने का काम रुका रहा। हाल ही में, 5 दिसंबर 2025 को UPPCL के एमडी ने एक पत्र भेजकर इस गंभीर तकनीकी फेल्योर और प्रोजेक्ट की कमियों पर फिर से ज़ोर दिया।

EESL पर डेटा और बिलिंग में गड़बड़ी के आरोप

EESL (एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड) पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, मुख्य रूप से इसलिए क्योंकि यह रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम (RMS) को मीटर डेटा मैनेजमेंट (MDM) से जोड़ने में सफल नहीं हो पाया है। शिकायत में कहा गया है कि इस वजह से डेटा की शुद्धता, बिजली की बिलिंग और ऑडिटिंग प्रभावित हो रही है, और प्रीपेड मीटर की सुविधाएँ भी सीमित हैं। मई 2023 में ज्यादा टेलीकॉम कंपनियों को जोड़ने की मंजूरी मिलने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। यह भी कहा गया है कि 2022 से 2025 के बीच बार-बार मौका दिए जाने पर भी EESL अपनी कमियाँ दूर नहीं कर पाया है।

मीटर बदलने में जनता के पैसे की बर्बादी का आरोप

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मीटर लगाने के प्रोजेक्ट पर भारी खर्च को लेकर चिंता जताई है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि पहले ही पुरानी 2जी-3जी स्मार्ट मीटरिंग योजना पर ₹960 करोड़ खर्च हो चुके हैं, और अब नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में ₹682 करोड़ और लगेंगे। उन्होंने इसे जनता के पैसे की बर्बादी बताते हुए इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

यूपी में लगेंगे करोड़ो नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) एक बड़ा बदलाव ला रहा है। मार्च 2027 तक 11 लाख से ज़्यादा पुराने मीटर बदले जाएँगे, जो पहले से स्वीकृत 2.69 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के अलावा होंगे। UPPCL का दावा है कि ये नई तकनीक वाले स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देंगे। इनसे बिजली की बिलिंग ज़्यादा सटीक होगी, खपत की रियल-टाइम निगरानी हो सकेगी, और बिजली चोरी व लाइन लॉस को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही, उपभोक्ता रिचार्ज आधारित मॉडल से अपनी बिजली खपत को आसानी से नियंत्रित कर सकेंगे।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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