
महाराष्ट्र सरकार की चर्चित माझी लाडकी बहिन योजना को लेकर अब बड़ा एक्शन शुरू हो गया है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को हर महीने ₹1500 की आर्थिक मदद देना था, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। लेकिन अब सरकार ने पाया है कि हजारों अपात्र लोगों ने इस स्कीम का फायदा गलत तरीके से उठाया है। इनमें न केवल पुरुष शामिल हैं, बल्कि कई सरकारी कर्मचारी भी सामने आए हैं, जिन पर अब सरकार सख्ती से वसूली की तैयारी कर रही है।
मंत्री अदिति तटकरे ने दिए कड़े निर्देश
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि जांच में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। उनके मुताबिक, 1,526 सरकारी कर्मचारियों के खातों में इस योजना के पैसे जमा हुए हैं, जो नियमों के साफ उल्लंघन का मामला है। यही नहीं, 14,298 पुरुषों ने भी इस योजना का लाभ उठाया है, जो केवल महिलाओं के लिए आरक्षित है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी अपात्र लाभार्थियों से पूरा पैसा वापस लिया जाएगा।
अपात्र परिवारों से होगी राशि की वसूली
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, करीब ₹35 करोड़ रुपये ऐसे खातों में भेजे गए, जो योजना की पात्रता पूरी नहीं करते थे। इनमें ऐसे परिवार भी हैं जिनकी सालाना आय निर्धारित सीमा से अधिक थी, या जिनके घर में कोई सरकारी नौकरी में है। कई परिवारों में एक से अधिक सदस्यों ने योजना का लाभ लिया, जबकि कुछ ने एक साथ दूसरी सरकारी योजनाओं से भी पैसा प्राप्त किया। अब इन मामलों की पूरी जांच चल रही है और जिन लोगों ने बेईमानी से राशि ली है, उनसे रिकवरी (recovery process) शुरू की जाएगी।
वेरिफिकेशन में सामने आई सच्चाई
राज्य सरकार ने हाल ही में एक बड़ा वेरिफिकेशन ड्राइव चलाया था जिसमें 26 लाख से अधिक खातों को संदिग्ध पाया गया। जांच में सामने आया कि कई लोगों ने ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की थी या गलत जानकारी दी थी। सरकार ने स्पष्ट किया कि जिन महिलाओं ने खुद नाम वापस ले लिया या जिनका नाम वेरिफिकेशन में हटाया गया, उनसे रकम की वसूली नहीं की जाएगी। लेकिन जिन लोगों ने जानबूझकर गलत जानकारी देकर पैसा लिया है, उन्हें अब इसका हिसाब देना होगा।
सरकारी कर्मचारियों पर सिविल सर्विस रूल्स के तहत कार्रवाई
मंत्री अदिति तटकरे ने कहा है कि जो भी सरकारी कर्मचारी इस योजना में दोषी पाए गए, उनके खिलाफ Maharashtra Civil Service Rules के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह केवल धनवापसी का मामला नहीं रहेगा, बल्कि इन पर विभागीय जांच भी होगी ताकि आगे किसी सरकारी पॉलिसी में ऐसी गड़बड़ी दोबारा न हो।
ई-केवाईसी जरूरी – 31 दिसंबर डेडलाइन
माझी लाडकी बहिन योजना में नवंबर महीने की किस्त फिलहाल ई-केवाईसी में देरी के कारण रुकी हुई है। सरकार ने कहा है कि अब नवंबर और दिसंबर दोनों की किस्त एक साथ जारी की जाएगी। ई-केवाईसी की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दिया गया है। यदि किसी लाभार्थी का केवाईसी इस तारीख तक पूरा नहीं होता, तो उसका नाम योजना की सूची से हटाया जा सकता है।
किन महिलाओं को मिलता है योजना का लाभ?
माझी लाडकी बहिन योजना का लाभ 21 से 65 वर्ष की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिलाओं को दिया जाता है। पात्रता के नियम इस प्रकार हैं:
- परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम होनी चाहिए।
- परिवार में कोई व्यक्ति इनकम टैक्स न भरता हो।
- घर में सरकारी नौकरी करने वाला कोई सदस्य नहीं होना चाहिए।
- परिवार को किसी अन्य योजना से ₹1500 प्रतिमाह नहीं मिल रहा हो।
- घर में चारपहिया वाहन (ट्रैक्टर को छोड़कर) नहीं होना चाहिए।
- वर्तमान या पूर्व सांसद या विधायक के परिवार के सदस्य पात्र नहीं हैं।
महिलाओं के लिए चेतावनी और सुझाव
राज्य सरकार ने सभी महिला लाभार्थियों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपना ई-केवाईसी पूरा करवाएं। इससे न केवल भविष्य की किस्तों में देरी नहीं होगी, बल्कि गलत लाभार्थियों की पहचान भी आसान होगी। अदिति तटकरे ने कहा है कि इस योजना का उद्देश्य “हर बहिन को आर्थिक सशक्तिकरण देना” है, न कि किसी धोखाधड़ी को बढ़ावा देना।









