
दिल्ली से देहरादून की दूरी जल्द ही एक बिल्कुल नए अनुभव में बदलने वाली है। भारत का तेजी से बढ़ता दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। यह देश के सबसे आधुनिक हाई-स्पीड कॉरिडोर में से एक बनने जा रहा है, जिसका उद्देश्य उत्तर भारत के दो अहम शहरों दिल्ली और देहरादून को 12 लेन की एक्सप्रेस यात्रा से जोड़ना है।
अभी क्या स्थिति है?
वर्तमान में यह एक्सप्रेसवे आंशिक रूप से चालू है। हाल ही में दिल्ली से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) जंक्शन, जो बागपत के पास खेकड़ा में स्थित है, तक लगभग 32 किलोमीटर का हिस्सा ट्रायल रन के लिए खोला गया है। इस ट्रायल रन का उद्देश्य है सड़क की गुणवत्ता, सुरक्षा फीचर्स और यातायात प्रणाली का परीक्षण करना। यहां अच्छी खबर यह है कि फिलहाल इस पूरे खुले हिस्से पर कोई टोल टैक्स नहीं लिया जा रहा है, यानी यह हिस्सा टोल-फ्री है।
टोल-फ्री यात्रा का लाभ
अभी जो सबसे अधिक लाभ में हैं, वे हैं दिल्ली और आसपास के दैनिक यात्री (daily commuters)। अक्षरधाम से लोनी सीमा तक लगभग 18 किलोमीटर का हिस्सा पहले से ही खोला जा चुका है, जिससे न केवल ट्रैफिक में राहत मिली है बल्कि दिल्ली एनसीआर से उत्तराखंड की ओर जाने वाले लोगों के लिए भी यह यात्रा आसान हो गई है।
पूरा एक्सप्रेसवे कब से चालू होगा
भारत सरकार और NHAI (National Highways Authority of India) की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, एक्सप्रेसवे के 2026 की शुरुआत में पूरी तरह चालू होने की संभावना है। इसका मतलब है कि अगले साल तक दिल्ली से देहरादून की यात्रा का समय सिर्फ दो से ढाई घंटे में सिमट सकता है। यह सफर फिलहाल करीब 5.5 घंटे में पूरा होता है यानि कि यात्रा समय लगभग आधा हो जाएगा।
टोल दरें: कार से लेकर ट्रक तक का अनुमानित खर्च
एक्सप्रेसवे का एक बड़ा सवाल है टोल टैक्स कितना होगा? वर्तमान में दिल्ली से देहरादून तक की यात्रा में विभिन्न हाईवे टोल प्लाजा पर कुल मिलाकर करीब ₹500 तक का शुल्क देना पड़ता है। लेकिन जब यह नया एक्सप्रेसवे 100% चालू हो जाएगा, तब नई टोल दरें तय की जाएंगी, जो यात्रा की दूरी और वाहन के प्रकार पर आधारित होंगी।
संभावित टोल दरें (अनुमानित):
- कार, जीप या वैन: लगभग ₹670 (एक तरफा)
- हल्के वाणिज्यिक वाहन (LCV): लगभग ₹170
- बस और ट्रक: करीब ₹350
- 3-एक्सल वाहन: लगभग ₹385
यह दरें अभी केवल अनुमान पर आधारित हैं। NHAI द्वारा आधिकारिक अधिसूचना एक्सप्रेसवे के उद्घाटन से पहले जारी की जाएगी।
टोल से जुड़ी रणनीति
सरकार की योजना है कि टोल दरों को इस तरह से संतुलित रखा जाए कि यात्रियों को सुविधाएं तो मिलें, लेकिन आर्थिक बोझ भी न बढ़े। साथ ही, फास्टैग सिस्टम और डिजिटल टोल संग्रह को पूरी तरह लागू किया जाएगा, जिससे यात्रा निर्बाध और तेज़ बन सके।
रफ्तार के साथ सुरक्षा पर ज़ोर
यह केवल स्पीड का एक्सप्रेसवे नहीं होगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तौर पर डिजाइन किया गया है। इसमें पर्यावरण सुरक्षा और सड़क सुरक्षा दोनों को प्राथमिकता दी गई है। सड़क किनारे पशु-अंडरपास, हरियाली से ढकी साइड वॉल्स, ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम और इमरजेंसी हेल्पलाइन टावर्स जैसी आधुनिक सुविधाएं भी शामिल की जा रही हैं।
यात्रियों के लिए आने वाले फायदे
इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने के बाद:
- दिल्ली से देहरादून की यात्रा मात्र 150 मिनट में पूरी हो सकेगी।
- हरिद्वार और ऋषिकेश जाने वाले यात्रियों के लिए भी यह एक वैकल्पिक रूट बनेगा।
- पर्यटन, व्यापार और लॉजिस्टिक सेक्टर को बड़ा फायदा होगा।
- हाईवे के दोनों तरफ लॉजिस्टिक्स पार्क, वे-साइड एमिनिटीज़ और पेट्रोल पंप्स भी विकसित किए जा रहे हैं।









