
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अब बैंकिंग चार्जेज को लेकर सख्त हो गया है और बैंकों के साथ मिलकर एक नया सिस्टम बना रहा है। इस नए सिस्टम का मुख्य लक्ष्य यह है कि बैंक अपनी सभी फीस और सर्विस चार्ज को एक ही फॉर्मेट में स्पष्ट रूप से ग्राहकों के सामने रखें। इसका मकसद बैंक द्वारा लगाए जाने वाले छिपे हुए (Hidden) और दोहरे (Overlapping) चार्जेज को पूरी तरह से खत्म करना है। साथ ही, अब बैंक ग्राहकों को लोन प्रोसेसिंग फीस का भी पूरा ब्योरा देने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
सभी बैंकिंग सेवाओं के चार्ज पूरी तरह से साफ और सीधे हों
सूत्रों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) चाहता है कि ग्राहकों के लिए सभी बैंकिंग सेवाओं के चार्ज पूरी तरह से साफ और सीधे हों। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि अभी इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या सभी बैंक सर्विस चार्ज बताने के लिए एक ही मानक तरीका (Standard Format) अपना सकते हैं, जिसमें लोन प्रोसेसिंग फीस का पूरा ब्योरा भी शामिल होगा। गौरतलब है कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद, इस साल की शुरुआत में ही ज़्यादातर सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाला जुर्माना हटा दिया था।
RBI के निर्देशों पर बैंकों की चर्चा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को यह निर्देश भी दिया है कि वे उन सभी सेवाओं की एक सूची तैयार करें जो उनकी सभी शाखाओं में एक समान उपलब्ध हों। RBI के इन सुझावों पर बैंक अभी आंतरिक रूप से विचार कर रहे हैं। सरकारी और निजी बैंक आपस में चर्चा के बाद RBI को अपनी राय भेजेंगे। एक अधिकारी के अनुसार, बैंकों का विचार है कि उन्हें अकाउंट के प्रकार के आधार पर सर्विस चार्ज तय करने की छूट मिलनी चाहिए। साथ ही, वे पर्सनल लोन पर लगने वाले शुल्कों (चार्जेज) की लिस्ट को भी छोटा करने की तैयारी में हैं ताकि ग्राहकों को आसानी हो।
RBI की प्राथमिकता
हाल ही में, RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि केंद्रीय बैंक ग्राहक सेवा को प्राथमिकता दे रहा है और इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसी दिशा में, पिछले अगस्त में वित्त मंत्रालय ने लोकसभा को जानकारी दी थी कि ज्यादातर सरकारी बैंकों ने सामान्य बचत खातों पर लगने वाला मिनिमम बैलेंस चार्ज हटा दिया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि बैंकों ने अपनी व्यावसायिक रणनीति के तहत ये शुल्क या तो हटा दिए हैं या उन्हें तर्कसंगत बनाया है, जिसका फायदा उन्हें जमा राशि बढ़ने के रूप में मिल सकता है।









