
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत यात्रा से पहले योग्य विदेशी प्रोफेशनल्स को आकर्षित करने के लिए एक विशेष ‘स्किल वीजा’ प्रोग्राम शुरू करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य भारत और रूस के बीच हुए गतिशीलता समझौतों (Mobility Agreements) को मजबूत करना है। यह नया वीजा विज्ञान, अर्थशास्त्र, उद्योग, शिक्षा, संस्कृति, व्यवसाय और खेल जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों को बिना किसी कोटा और रूसी भाषा की परीक्षा पास किए रूस में आसानी से आने और काम करने की अनुमति देगा।
रूस में नए वीजा से भारतीय पेशेवरों को राहत
रूस ने एक नया वीजा शुरू किया है जिसके तहत विदेशी पेशेवरों को तीन साल तक अस्थायी निवास (Temporary Residence) मिल सकेगा। इसके अलावा, जो लोग खास प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में काम करते हैं, उन्हें सीधे स्थायी निवास (Permanent Residence) भी दिया जाएगा। रूस की इस पहल से वहाँ काम कर रहे और काम की तलाश में जाने वाले भारतीय युवाओं तथा पेशेवरों को बड़ी सुविधा और राहत मिलेगी।
दो मुख्य चरणों में वीज़ा के लिए करें आवेदन
रूस के इस वीज़ा के लिए आवेदन प्रक्रिया दो मुख्य चरणों में पूरी होती है। पहले चरण में, आवेदक को एक स्थापित (authorized) एजेंसी को अपना आवेदन भेजना होता है। यदि एजेंसी आपके आवेदन को योग्य मान लेती है (यह मंज़ूरी एक साल तक मान्य रहती है), तो आप दूसरे चरण के लिए आगे बढ़ सकते हैं। दूसरे चरण में, उम्मीदवार रूस के इमिग्रेशन विभाग में सीधे अस्थायी (Temporary) या स्थायी (Permanent) निवास के लिए आवेदन जमा कर सकता है।
रूस में बिजनेस वीजा और काम करने के नियम
इस नई प्रक्रिया के तहत, आवेदक अपने देश से ही ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन स्वीकार होने पर, उन्हें और उनके परिवार को एक साल का बिजनेस वीजा मिलेगा। इस वीजा की मदद से वे रूस जाकर रेजिडेंस (निवास) से जुड़े ज़रूरी दस्तावेज़ जमा कर पाएँगे। सबसे अच्छी बात यह है कि जब तक आवेदन प्रक्रिया चल रही है, उम्मीदवार रूस में काम भी कर सकेगा और इसके लिए उसे अलग से वर्क परमिट लेने की ज़रूरत नहीं होगी।
रूस में भारतीयों की संख्या और आवेदनों पर फैसला
रूस में रह रहे भारतीयों से जुड़े अधिकांश आवेदनों पर 30 दिनों के भीतर फैसला आने की उम्मीद है। वर्तमान में, रूस में लगभग 14,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं। इसके अलावा, वहाँ लगभग 1,500 भारतीय मूल के अफगान नागरिक, 500 भारतीय व्यवसायी और लगभग 300 भारतीय कंपनियाँ भी काम कर रही हैं।









