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Property Law: सरकारी जमीन पर है कब्जा तो कितने साल बाद मिलता है मालिकाना हक! जानें कानूनी तरीका

क्या आप सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा किए हुए हैं और जानना चाहते हैं कि कानूनी रूप से मालिकाना हक कैसे मिल सकता है? संपत्ति कानून (Property Law) के तहत, एक निश्चित अवधि के बाद पट्टा या अधिकार प्राप्त किया जा सकता है। जानिए वह कानूनी तरीका क्या है और कितने साल का कब्ज़ा आवश्यक होता है!

By Pinki Negi

Property Law: सरकारी जमीन पर है कब्जा तो कितने साल बाद मिलता है मालिकाना हक! जानें कानूनी तरीका
Property Law

बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से सरकारी ज़मीन का इस्तेमाल कर रहा है, तो क्या वह उसका कानूनी मालिक बन सकता है? सीधे शब्दों में कहें तो, सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करके मालिक बनना आसान नहीं होता है। इसके लिए भारतीय कानून में बहुत सख्त नियम और प्रक्रियाएँ हैं, जिनका पालन करना आवश्यक होता है। इन नियमों और कानूनी पहलुओं को समझना बहुत ज़रूरी है ताकि आप सही जानकारी रख सकें।

जमीन पर कब्जे का कानून

लिमिटेशन एक्ट, 1963 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी निजी (Private) ज़मीन पर लगातार 12 साल तक बिना किसी रुकावट के कब्जा बनाए रखता है, तो उसे ‘प्रतिकूल कब्जा’ (Adverse Possession) माना जाता है और वह अदालत के माध्यम से उस ज़मीन पर कानूनी अधिकार मांग सकता है। हालांकि, यह नियम सरकारी ज़मीन पर लागू नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने से कोई व्यक्ति उसका मालिक नहीं बन सकता, क्योंकि यह जनता की संपत्ति होती है और इसका उपयोग केवल जनहित में किया जाता है।

कुछ राज्यों में मिलते हैं मालिकाना हक

कुछ राज्यों की सरकारों ने ऐसी नीतियाँ बनाई हैं जिनके तहत लंबे समय से सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा किए हुए लोगों को पट्टा (Lease) या उपयोग का अधिकार मिल सकता है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में भूमिहीन और ज़रूरतमंद लोगों को खेती या रहने के लिए सरकारी ज़मीन का पट्टा दिया जाता है, जिसके लिए तहसील या राजस्व विभाग में आवेदन करना होता है। वहीं, राजस्थान में 2014 में यह प्रस्ताव था कि 30 साल से अधिक समय से सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वाले लोग एकमुश्त राशि जमा करके उस ज़मीन का मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं।

सरकारी ज़मीन पर मालिकाना हक प्राप्त करना बहुत मुश्किल

सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करके अदालत के ज़रिए मालिकाना हक प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है। कोर्ट में आपको यह साबित करना पड़ता है कि आपने वह ज़मीन लंबे समय तक, लगातार, खुलेआम और बिना किसी की अनुमति के उपयोग की है। हालांकि, सरकारी ज़मीन आम जनता की होने के कारण सरकार का दावा अक्सर ज़्यादा मजबूत होता है। यदि आप फिर भी इस कानूनी रास्ते पर चलना चाहते हैं, तो आपको किसी विशेषज्ञ वकील से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है।

सरकारी ज़मीन खरीदने या लीज़ पर लेने का तरीका

सरकारी ज़मीन प्राप्त करने का एक और तरीका यह है कि सरकारें समय-समय पर स्वयं अपनी ज़मीन को लीज़ पर देती हैं या बेचती हैं। इसके लिए आपको सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों या अपने स्थानीय तहसील के नोटिस बोर्ड पर लगातार नज़र रखनी चाहिए। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में, ज़मीन से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की जानकारी ‘उपभूलेख’ पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाती है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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