
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) ने अपने इतिहास में पहली बार आंसर शीट्स में व्यापक बदलाव किए हैं। यह कदम पारदर्शिता और नकल मुक्त परीक्षा प्रणाली की दिशा में अहम माना जा रहा है। अब छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएँ पहले जैसी नहीं रहेंगी उनका डिजाइन, लेआउट, और सुरक्षा फीचर्स पूरी तरह बदल दिए गए हैं।
अब कॉपियाँ होंगी Vertical Layout में
अब तक यूपी बोर्ड की आंसर शीट्स लैंडस्केप यानी क्षैतिज फॉर्मेट में होती थीं। इस बार से बोर्ड ने उन्हें पोर्ट्रेट यानी वर्टिकल लेआउट में बदल दिया है। इसका मतलब यह कि कॉपियाँ अब बिल्कुल नोटबुक स्टाइल में होंगी छात्रों को लिखने में आसानी होगी और कॉपी हैंडल करना भी सुगम रहेगा। इस बदलाव से न केवल कॉपी चेकिंग प्रोसेस आसान होगा, बल्कि कॉपी बदलने जैसी गड़बड़ियों की संभावना भी घटेगी।
रंगों से होगा हाई स्कूल और इंटर कॉपी का फर्क
नए सिस्टम में यूपी बोर्ड ने रंग-कोडिंग का नियम भी लागू किया है।
अब हाई स्कूल और इंटरमीडिएट दोनों के लिए अलग-अलग रंगों की कॉपियाँ तय की गई हैं।
- हाई स्कूल ‘A’ कॉपी: भूरा (Brown) रंग
- हाई स्कूल ‘B’ कॉपी: हरा (Green) रंग
- इंटरमीडिएट ‘A’ कॉपी: मैजेंटा (Magenta) रंग
- इंटरमीडिएट ‘B’ कॉपी: हरा (Green) रंग
इस कलर डिफरेंशिएशन से कॉपियाँ आसानी से पहचानी जा सकेंगी। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार, यह तरीका कॉपी बदलने या बनावट करने की घटनाएँ रोकने में काफी असरदार साबित होगा।
हर पेज पर होगा यूपी बोर्ड का मोनोक्रोम लोगो
बोर्ड की नई आंसर शीट्स में सुरक्षा को और पुख्ता बनाने के लिए प्रत्येक पेज पर यूपी बोर्ड का आधिकारिक मोनोक्रोम (Monochrome Logo) प्रिंट किया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कोई भी कॉपी की फर्जी डुप्लीकेट न बना सके। इसके अलावा, हर कॉपी के शुरुआती और अंतिम पेज पर यूनिक बारकोड भी रहेगा, जिससे उसकी ट्रैकिंग और वेरिफिकेशन बेहद आसान होगी। यानी हर कॉपी की पहचान अब एक यूनिक कोड से होगी, जो उसे नकली बनने से बचाएगा।
विशेष सरकारी प्रेस में होगी कॉपियों की प्रिंटिंग
नई आंसर शीट्स को किसी भी प्राइवेट प्रिंटिंग यूनिट में नहीं बनाया जा रहा। यूपी बोर्ड ने सुरक्षा कारणों से इन कॉपियों की प्रिंटिंग केवल चार सरकारी प्रेसों में ही तय की है प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी और रामपुर। ये प्रेसें विशेष सुरक्षा मानकों के तहत काम कर रही हैं और आधुनिक प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस फैसले का मकसद है कि परीक्षा प्रणाली में किसी तरह की लीक या कॉपी मिक्सिंग की गुंजाइश ही न रहे।
पन्नों की संख्या और कॉपी स्ट्रक्चर भी नया
अब हर क्लास और सेट के हिसाब से पेज की संख्या भी तय कर दी गई है। हाई स्कूल की ‘A’ शीट में कुल 18 पेज होंगे और इंटरमीडिएट की ‘A’ शीट में 24 पेज। वहीं ‘B’ शीट comparatively छोटी होगी, इसमें केवल 12 पेज होंगे। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि परीक्षाओं के अलग-अलग विषयों और आवश्यकताओं के हिसाब से कॉपी की लंबाई को एडजस्ट किया जा सके।
नकल माफियाओं पर लगेगी रोक
पिछले कुछ वर्षों में यूपी में परीक्षा नकल गिरोह काफी सक्रिय रहे हैं। बोर्ड का यह कदम उनके खिलाफ सीधी कार्रवाई जैसा है। अब कॉपियों की अदला-बदली, फर्जी कॉपी बनाना या मूल्यांकन प्रक्रिया में छेड़छाड़ लगभग असंभव हो जाएगा। बारकोड और मोनोक्रोम दोनों तकनीक से हर कॉपी की ट्रैकिंग डिजिटल रूप में होगी, जिससे किसी भी स्तर पर फर्जीवाड़ा पकड़ा जा सकेगा।
पारदर्शी परीक्षा व्यवस्था की दिशा में कदम
यूपी बोर्ड इस समय देश के सबसे बड़े शिक्षा बोर्डों में से एक है, हर साल करीब 55 लाख छात्र हाई स्कूल और इंटर परीक्षाओं में शामिल होते हैं। इतनी बड़ी परीक्षा व्यवस्था को पारदर्शी रखना चुनौतीपूर्ण है। इसलिए यह कदम छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों सभी के लिए भरोसे का संकेत है कि आने वाली परीक्षाएँ पहले से अधिक सुरक्षित और निष्पक्ष होंगी।









