
दोस्तों, दिसंबर का महीना आते ही सबके मन में फेस्टिव मूड छा जाता है, लेकिन शराब के शौकीनों के लिए इस बार थोड़ी निराशा वाली खबर है। महाराष्ट्र सरकार ने एक्साइज विभाग के जरिए दो बड़े dry days घोषित कर दिए हैं। 6 दिसंबर और 25 दिसंबर को मुंबई समेत पूरे राज्य में liquor shops, bars, pubs, restaurants और सभी लाइसेंस्ड आउटलेट्स पूरी तरह बंद रहेंगे। ये फैसला धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों को देखते हुए लिया गया है, ताकि शहर में शांति बनी रहे और भीड़ का बोझ कम हो।
महापरिनिर्वाण दिवस: 6 दिसंबर को पहला झटका
6 दिसंबर, शनिवार को आ रहा है महापरिनिर्वाण दिवस, जो डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। ये दिन महाराष्ट्र के लिए बेहद खास है, खासकर मुंबई में चैत्यभूमि और दूसरे स्मारकों पर लाखों लोग श्रद्धा सागर में डूब जाते हैं। सरकार ने सोचा कि इतनी भारी भीड़ में शराब की बिक्री से public order बिगड़ सकता है, इसलिए full dry day का ऐलान। न सिर्फ रिटेल शॉप्स बंद, बल्कि होटल-बारों में भी serve नहीं होगा। ये परम्परा सालों से चली आ रही है, और इस बार भी traffic management, security और crowd control के लिए सख्ती बरती जाएगी। शहरवासी इस दिन को समर्पण और यादों के साथ मनाएंगे।
क्रिसमस स्पेशल: 25 दिसंबर का दूसरा dry day
अब बात 25 दिसंबर की, गुरुवार को क्रिसमस का जश्न। ये राष्ट्रीय स्तर पर dry day होता है, और मुंबई में भी कोई छूट नहीं मिलेगी। churches में प्रार्थनाएं, streets पर decorations और family gatherings का माहौल होगा, लेकिन alcohol ban रहेगा। एक्साइज रिपोर्ट कहती है कि festive purity और public peace बनाए रखने के लिए ये जरूरी है। bars में party प्लान करने वाले लोग थोड़ा सोच लें, क्योंकि violation पर heavy fine और legal action हो सकता है। दिसंबर के इस महीने में ऐसे पाबंदी से शहर सुरक्षित और अनुशासित लगता है।
इन dry days का असर और क्या-क्या?
ये dry days सिर्फ शराब दुकानों तक सीमित नहीं। five-star hotels से लेकर local wine shops तक सब प्रभावित होंगे। लोग advance में stock कर लें, लेकिन illegal selling पर नजर रखी जाएगी। महाराष्ट्र सरकार हर साल ऐसे occasions पर ये कदम उठाती है, जैसे गुरु नानक जयंती या शिवाजी जयंती पर। दिसंबर में पहले भी कुछ local elections की वजह से dry days थे, लेकिन ये दो तारीखें अहम हैं। traders और vendors को पहले से नोटिस दे दिया गया है।
क्यों जरूरी हैं ये पाबंदियां?
देखिए भाई, dry days का मकसद सिर्फ बैन लगाना नहीं, बल्कि सोसाइटी को जिम्मेदार बनाना है। धार्मिक आयोजन पर शराब से जुडी घटनाएं कम होते हैं, ट्रैफिक एक्सीडेंट्स घटते हैं और overall vibe positive रहती है। मुंबई जैसे बीजी शहर में ये step crowd management के लिए boon है। शौकीनों को थोड़ा patience रखना पड़ेगा, लेकिन सेहत और सुरक्षा के लिए ये अच्छा है। अगले साल की प्लानिंग करते वक्त कैलेंडर चेक कर लें। festive season enjoy करें, लेकिन limits में!









