
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित समाज कल्याण विभाग के पेंशन किस्त वितरण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के लाखों पेंशनधारकों के हित में बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने साफ कहा कि अब राज्य में किसी भी बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांग, किसान या कमजोर वर्ग को पेंशन भुगतान में देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा। हर माह की 5 तारीख तक पेंशन राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाना अनिवार्य होगा।
वन क्लिक से जारी हुई पेंशन राशि
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वन क्लिक प्रणाली के माध्यम से नवंबर 2025 माह की 13,982.92 लाख रुपये की पेंशन किस्त का भुगतान किया। इस पहल से 9,38,999 लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ मिला। धामी ने इस अवसर पर कहा कि यह सिर्फ तकनीकी प्रगति नहीं, बल्कि सेवा भाव से जुड़ा कदम है। सरकार चाहती है कि राज्य का कोई भी पात्र नागरिक आर्थिक तंगी के कारण अपमानित या परेशान न हो।
पेंशन प्रणाली को और सरल बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को पेंशन योजनाओं की व्यवस्था को और आसान और पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं कमजोर वर्गों के लिए जीवनरेखा हैं, इसलिए इनके संचालन में कोई भी लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। हर लाभार्थी तक सहायता सुचारु रूप से पहुंचे, इसके लिए विभागीय अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग करें।
समान योजनाओं का एकीकरण
मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिया कि समान प्रकृति की सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को इंटीग्रेशन के माध्यम से जोड़ा जाए। इससे योजनाओं के बीच दोहराव खत्म होगा और सही व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना आसान होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी पेंशन योजनाओं का आंतरिक ऑडिट नियमित रूप से किया जाए ताकि किसी भी अयोग्य व्यक्ति को लाभ न मिल सके। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सहायता केवल उसी को मिले जो वास्तव में उसका हकदार है।
बुके की जगह बुक – नई सोच का प्रतीक
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने एक अनोखी पहल का जिक्र किया, उन्होंने कहा कि अब से राज्य के सभी सरकारी समारोहों में बुके की जगह बुक देने की परंपरा अपनाई जाएगी। उन्होंने इसे “समय, धन और संसाधन की बचत” करने वाला एक व्यावहारिक कदम बताया। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी उपहार, स्मृति-चिह्न या सम्मान सामग्री में उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दी जाए। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और संस्कृति दोनों को मजबूती मिलेगी।
सरकारी कार्यक्रम होंगे सादगीपूर्ण
मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी आयोजनों को अधिक सादगीपूर्ण बनाने की अपील की। उनके अनुसार, यह न सिर्फ एक अच्छी परंपरा है बल्कि सुशासन और उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने वाला कदम भी है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ योजनाएं नहीं बना रही बल्कि समाज में भरोसा और मूल्य आधारित कार्य संस्कृति को भी प्रोत्साहित कर रही है।
समाज के कमजोरों के लिए संकल्प
पूरे कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने यह दोहराया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता हमेशा कमजोर, जरूरतमंद और वंचित वर्ग है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि योजनाओं की निगरानी जमीन स्तर तक की जाए ताकि किसी भी पात्र व्यक्ति को अधिकार से वंचित न रहना पड़े। पेंशन का समय पर भुगतान न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा देता है बल्कि समाज में सम्मान और आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।









