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New School Rules: अब स्कूलों में नये सिस्टम से लगेगी हाजिरी, जानें कैसे होगा नया अटेंडेंस सिस्टम

सरकारी स्कूलों में उपस्थिति अब पूरी तरह डिजिटल! जनवरी से शुरू हो रही नई व्यवस्था में टैबलेट से बच्चों-शिक्षकों की फोटो के साथ हाजिरी दर्ज होगी। ई-शिक्षाकोष एप से मिड-डे मील फर्जीवाड़ा रुकेगा, पारदर्शिता बढ़ेगी। 176 स्कूलों में टैबलेट वितरण पूरा, शिक्षा में नई क्रांति!

By Pinki Negi

सरकारी स्कूलों में उपस्थिति के रिकॉर्डिंग को अब पूरी तरह डिजिटल बनाया जा रहा है। लंबे समय से उपस्थिति गड़बड़ियों की शिकायतों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने एक नई प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। अब शिक्षकों और बच्चों की हाजिरी ऑनलाइन रिकॉर्ड की जाएगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। इस बदलाव की शुरुआत पहले से ही 176 स्कूलों में हो चुकी है, और जल्द ही इसे पूरे प्रखंड के सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा।

टैबलेट से आसान और विश्वसनीय उपस्थिति सिस्टम

तंत्र को सरल और प्रभावी बनाने के लिए हर सरकारी स्कूल को बच्चों की संख्या के अनुसार दो से तीन टैबलेट दिए गए हैं। ये टैबलेट पहले से इंस्टॉल किए गए ई-शिक्षाकोष एप से लैस हैं, जो डिजिटल उपस्थिति और अन्य महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग के लिए उपयोग होते हैं। स्कूलों के प्रधानाध्यापक और नोडल शिक्षक गूगल मीट के जरिये प्रशिक्षण भी ले चुके हैं, ताकि डिजिटल प्रक्रिया को पूरी तरह समझ और लागू किया जा सके।

जनवरी से शुरू होगी नई व्यवस्था

नई डिजिटल प्रणाली जनवरी के पहले सप्ताह से काम करना शुरू कर देगी। इस व्यवस्था के तहत हर शिक्षक को अपने कक्षा के बच्चों की रोजाना सामूहिक तस्वीर लेनी होगी और उसे ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करना होगा। तस्वीर में हर बच्चा साफ नजर आना चाहिए जिससे वास्तविक उपस्थिति का सही रिकॉर्ड बने। यह नई व्यवस्था उपस्थिति की छेड़छाड़ को पूरी तरह खत्म कर देगी।

मिड-डे मील में पारदर्शिता की नई पहल

पारदर्शिता के साथ-साथ यह प्रणाली मिड-डे मील जैसे महत्वपूर्ण समारोहों की निगरानी में भी मददगार साबित होगी। सभी बच्चों की हाजिरी और मिड-डे मील लाभार्थियों का डेटा फोटो के साथ दर्ज होगा। इससे इस योजना में होने वाले फर्जीवाड़ों पर रोक लगाई जा सकेगी। अब स्कूलों द्वारा गलत रिपोर्टिंग की कोई संभावना नहीं बचेगी, जो बेहतर संसाधन वितरण में सहायक होगा।

शिक्षकों और छात्रों की हाजिरी की अलग-अलग रिकॉर्डिंग

डिजिटल व्यवस्था में एक टैबलेट बच्चों की उपस्थिति, मिड-डे मील और अन्य स्कूल गतिविधियों के लिए उपयोग होगा, जबकि दूसरा टैबलेट शिक्षकों की उपस्थिति रिकॉर्ड करने के लिए अलग से निर्धारित है। इस विभाजन से दोनों पक्षों की उपस्थिति साफ और गलतियों से मुक्त बनी रहेगी। यह कदम शिक्षा के हर स्तर पर जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।

शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और सुधार की दिशा

प्रखंड स्तर के प्रभारी बीईओ ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से शिक्षा विभाग को हर बच्चे और शिक्षक की वास्तविक उपस्थिति की जानकारी डिजिटल रूप में मिल सकेगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता को परखने और सुधारने में भी मदद मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि यह प्रणाली जल्द ही सभी सरकारी विद्यालयों में पूरी तरह से लागू हो जाए ताकि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन संभव हो सके।

इस डिजिटल क्रांति से सरकारी स्कूलों की उपस्थिति प्रणाली और शिक्षण कार्य में नई ऊर्जा और सुधार की उम्मीद है। यह बदलाव केवल तकनीकी उपयोग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बच्चों की शिक्षा और पोषण योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में भी मदद करेगा। अब स्कूलों की विश्वसनीयता में सुधार आएगा और बच्चों के हितों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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