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राशन वितरण में बड़ा बदलाव! अब मिलेगा 14 KG गेहूं और 21 KG चावल, देखें आपके परिवार को कितना मिलेगा

जनवरी 2025 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले राशन के वितरण अनुपात में बदलाव होगा। अब लाभुकों को 1:4 की जगह 2:3 अनुपात में खाद्यान्न मिलेगा। अन्त्योदय परिवारों को हर महीने 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल, जबकि सामान्य श्रेणी के लाभुकों को 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल निःशुल्क मिलेंगे।

By Pinki Negi

देश में राशन वितरण से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मिलने वाले खाद्यान्न के अनुपात में अब बड़ा बदलाव किया गया है। सरकार ने घोषणा की है कि जनवरी 2025 से लाभुकों को नए अनुपात में गेहूं और चावल मिलेगा। इस परिवर्तन का उद्देश्य वितरण में संतुलन लाना और लाभुकों को अधिक सुविधा प्रदान करना है।

1:4 से बदलकर 2:3 हुआ नया वितरण अनुपात

अब तक अन्त्योदय और सामान्य श्रेणी के लाभुकों को 1:4 के अनुपात में खाद्यान्न दिया जा रहा था यानी एक भाग गेहूं और चार भाग चावल। लेकिन अब सरकार ने इस संरचना में बदलाव करते हुए नया अनुपात 2:3 तय किया है। इसका मतलब है कि अब लाभुकों को गेहूं की मात्रा थोड़ी अधिक और चावल की थोड़ी कम मिलेगी। मंत्रालय ने यह फैसला भंडारण स्थिति और जरूरत के संतुलन को देखते हुए लिया है ताकि दोनों श्रेणियों के लोगों को पर्याप्त अनाज मिल सके।

अन्त्योदय परिवारों के लिए 35 किलो राशन रहेगा जारी

अन्त्योदय परिवार यानी वे परिवार जो आर्थिक रूप से सबसे कमजोर वर्ग में आते हैं, उन्हें पहले की तरह हर महीने कुल 35 किलो राशन मिलेगा। लेकिन अब इसकी संरचना में बदलाव होगा। पहले उन्हें 7 किलो गेहूं और 28 किलो चावल दिया जाता था, जबकि अब उन्हें 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल मिलेगा। इस परिवर्तन से उन्हें गेहूं की मात्रा बढ़ी हुई मिलेगी, जिससे घरेलू उपयोग में लचीलापन बढ़ जाएगा।

सामान्य श्रेणी के लाभुकों को मिलेगा नया अनुपात में खाद्यान्न

सामान्य श्रेणी के लाभुकों को पहले प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो राशन दिया जाता था, जिसमें 1 किलो गेहूं और 4 किलो चावल होता था। लेकिन अब यह 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल के अनुपात में मिलेगा। मंत्रालय के अनुसार यह बदलाव इसलिए जरूरी था ताकि वितरण प्रक्रिया में बेहतर संतुलन और विविधता लाई जा सके। इस योजना के अंतर्गत मिलने वाला सारा राशन निःशुल्क (Free of Cost) रहेगा, यानी किसी भी लाभुक को इसके लिए कोई चार्ज नहीं देना होगा।

सरकार का उद्देश्य

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अपने निर्देश में राज्य सरकारों को यह स्पष्ट किया है कि यह बदलाव देशभर में लागू होगा। मंत्रालय का कहना है कि इससे राशन वितरण प्रणाली और अधिक पारदर्शी बनेगी और राज्य भंडारों पर बोझ भी संतुलित रहेगा। साथ ही, गेहूं और चावल दोनों की उचित आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी ताकि किसी भी क्षेत्र में कमी न हो।

लाभुकों को नहीं उठानी पड़ेगी कोई अतिरिक्त प्रक्रिया

नए अनुपात के अनुसार राशन प्राप्त करने के लिए लाभुकों को किसी तरह की नई प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। जिन लाभुकों के राशन कार्ड पहले से सक्रिय हैं, उन्हें अपने-अपने पोषण दुकानों (Fair Price Shops) से नया अनुपात वाला राशन स्वतः निःशुल्क मिलेगा। अगर वितरण से संबंधित कोई समस्या होती है, तो लाभुक स्थानीय खाद्य आपूर्ति विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में पड़ेगा असर

यह नया नियम सिर्फ शहरी क्षेत्रों के लिए नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लाखों लाभुक परिवारों पर भी असर डालेगा। सरकार का उद्देश्य हर जरूरतमंद परिवार तक अनाज की बराबर और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि लोगों को बेहतर पोषण भी प्राप्त होगा।

राशन वितरण का यह नया 2:3 अनुपात उन लाखों परिवारों के लिए राहत लेकर आया है जो हर महीने इस योजना पर निर्भर रहते हैं। गेहूं की बढ़ी हुई मात्रा और संतुलित वितरण से लोगों को घरेलू जरूरत के अनुसार विकल्प चुनने की सुविधा मिलेगी। सरकार का यह कदम खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले हर नागरिक के लिए एक आश्वस्त बदलाव माना जा रहा है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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