
आगरा में सात महीने के लंबे इंतजार के बाद, मंगलवार को आखिरकार उत्तरी बाइपास को चालू कर दिया गया। पहले ही दिन इस बाइपास पर एक हज़ार से ज़्यादा वाहनों ने यात्रा की। यह 14 किलोमीटर लंबा बाइपास ₹400 करोड़ की लागत से बनाया गया है और यह नेशनल हाईवे-19 के रैपुरा जाट को मिडावली (हाथरस) से जोड़ता है।
इस बाइपास के खुलने से सिकंदरा चौराहा पर वाहनों का दबाव कम होगा और जाम की समस्या पर रोक लगेगी। अब रैपुरा जाट से खंदौली का सफ़र केवल 15 मिनट में और हाथरस का सफ़र 25 मिनट में पूरा हो सकेगा, जिससे यात्रियों के समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।
उत्तरी बाइपास की योजना में बदलाव
उत्तरी बाइपास (Northern Bypass) की योजना लगभग डेढ़ दशक (15 साल) पहले सोची गई थी, जिसके लिए कुल तीन प्रस्ताव बनाए गए। शुरुआती प्रस्ताव में इस बाइपास को आगरा से होकर गुज़ारना तय हुआ था, लेकिन बाद में दूसरे और तीसरे प्रस्ताव में बदलाव किया गया। इन बदलावों के बाद, अब यह बाइपास मथुरा से होकर गुजरेगा। इस बाइपास का दूसरा प्रस्ताव वर्ष 2019 में तैयार किया गया था, और अब यह बदलाव अंतिम रूप ले चुका है।
सिकंदरा तिराहे पर जाम हटाने का प्रस्ताव रुका
सिकंदरा तिराहे पर अक्सर रहने वाले जाम की समस्या को कम करने के लिए एक प्रस्ताव बनाया गया था, जिससे वाहनों का दबाव कम किया जा सकता था, लेकिन इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। हालाँकि, इस समस्या को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), आगरा खंड ने वर्ष 2021 में तीसरी बार इसका सर्वे किया। सर्वे पूरा होने के बाद, इस नए प्रस्ताव को आगे की कार्रवाई के लिए नई दिल्ली कार्यालय को भेज दिया गया है।
400 करोड़ की लागत से बना हाईवे बाईपास अब हुआ शुरू
नेशनल हाईवे-19 पर रैपुरा जाट से मिडावली हाथरस तक बने 14 किलोमीटर लंबे बाईपास को अब चालू कर दिया गया है। इस 400 करोड़ रुपये के बाईपास का निर्माण 2022 में शुरू हुआ था और इसे 31 मई तक पूरा किया गया था। हालाँकि, दो जगहों पर हाईटेंशन बिजली की लाइनों की ऊँचाई कम होने के कारण इसे शुरू करने में देरी हुई थी। इन लाइनों को ऊंचा करने का काम हाल ही में पूरा हुआ। अब इस बाईपास को मंगलवार दोपहर 12 बजे से यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। यह नया बाईपास नेशनल हाईवे के चैनल नंबर 174 को यमुना एक्सप्रेसवे के चैनल नंबर 141 से जोड़ता है।









