
दिसंबर का महीना साल का आखिरी महीना होने के साथ ही टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के लिए सबसे ज़्यादा काम वाला महीना होता है। इस महीने में आईटीआर (ITR), टीडीएस (TDS) और एडवांस टैक्स जैसी कई ज़रूरी टैक्स फाइलिंग की डेडलाइन आती हैं। किसी भी तारीख को नज़रअंदाज़ करने पर आपको पेनल्टी (penalty), ब्याज (interest) भरना पड़ सकता है, या आपका रिफंड लेट हो सकता है। इसलिए, दिसंबर की इन डेडलाइन्स को हल्के में लेना एक बड़ी गलती होगी। इस महीने चार अहम डेडलाइन हैं, जिन्हें चूकने पर आपकी जेब पर भारी असर पड़ सकता है।
ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख 10 दिसंबर
जिन लोगों का बिज़नेस ऑडिट के दायरे में आता है या जो किसी ऑडिट होने वाली फर्म में पार्टनर हैं, उनके लिए 10 दिसंबर बहुत महत्वपूर्ण तारीख है। यह तारीख असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ऑडिट रिपोर्ट के साथ ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) दाखिल करने की अंतिम समय सीमा है, जिसे पहले 31 अक्टूबर से बढ़ाया गया था। सेक्शन 5A के तहत आने वाले पति-पत्नी भी इसी श्रेणी में शामिल हैं। यदि आप यह समय सीमा चूक जाते हैं, तो आपको पेनल्टी (जुर्माना), ब्याज और नोटिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, अपनी ऑडिट रिपोर्ट तैयार होते ही जल्द से जल्द ITR फाइल कर देना चाहिए ताकि जुर्माने और भविष्य की फाइलिंग रुकने जैसी दिक्कतों से बचा जा सके।
एडवांस टैक्स और फॉर्म जमा करने की तारीख
टैक्स कैलेंडर में 15 दिसंबर का दिन सबसे व्यस्त माना जाता है, क्योंकि इस दिन कई ज़रूरी काम एक साथ करने होते हैं। व्यक्तिगत (Individual) आय वाले, पेशेवर (Professionals) और व्यवसायी (Business) सभी को इस दिन एडवांस टैक्स की तीसरी किस्त जमा करनी होती है।
साथ ही, सरकारी विभागों के लिए फॉर्म 24G के ज़रिए नवंबर के बिना चालान वाले TDS/TCS की रिपोर्ट करना ज़रूरी होता है। इसके अलावा, नवंबर महीने का फॉर्म 27C भी इसी दिन अपलोड किया जाता है। अक्टूबर में काटे गए TDS के सर्टिफिकेट (194IA, 194IB, 194M, 194S के तहत) भी इसी दिन जारी करने होते हैं। यह तारीख चूकने पर कई तरह की समस्याएँ शुरू हो सकती हैं, इसलिए इसे पहले से चिह्नित करना आवश्यक है।
30 दिसंबर की तारीख क्यों है ज़रूरी?
30 दिसंबर की तारीख टैक्स और वित्तीय अनुपालन (Compliance) के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन, मान्यता प्राप्त एसोसिएशनों को नवंबर महीने का क्लाइंट कोड मॉडिफिकेशन स्टेटमेंट जमा करना होता है। इसमें देरी करने से उनका कंप्लायंस रिकॉर्ड बिगड़ सकता है। इसके अलावा, नवंबर महीने का TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) जमा करने के लिए चालान-कम-स्टेटमेंट भी इसी तारीख को जमा करना ज़रूरी है। अगर यह काम समय पर नहीं किया जाता है, तो सिस्टम में अपडेट होने में देरी हो सकती है, जिससे भविष्य में पेमेंट में गलती, क्रेडिट न दिखना या सर्टिफिकेट जारी होने में देरी जैसी समस्याएँ आ सकती हैं।
लेटेड/अपडेटेड ITR भरने की आखिरी तारीख
साल का आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर, एक और कारण से बहुत महत्वपूर्ण है। यह असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए बिलेटेड (विलंबित) या अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) जमा करने की अंतिम तारीख है। ध्यान रखें, आप यह रिटर्न तभी फाइल कर सकते हैं जब आयकर विभाग ने आपका असेसमेंट पहले ही पूरा न कर लिया हो। यदि आप इस तारीख को चूक जाते हैं, तो आपके पास अपील करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा, और आपको भारी पेनल्टी (जुर्माना), ब्याज और रिफंड मिलने में लंबी देरी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, साल खत्म होने से पहले ही यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी ITR फाइलिंग की स्थिति पूरी और सही है।









