
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) से जुड़े लाखों पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 करने की माँग काफी लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अब उनकी उम्मीदें एक बार फिर अधर में लटक गई हैं। हाल ही में, संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने इस माँग पर स्पष्ट रूप से निराशाजनक जवाब दिया है। इससे साफ होता है कि फिलहाल न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की कोई योजना नहीं है, जिसने पेंशनर्स को निराश किया है।
EPS पेंशन में बढ़ोतरी की संभावना कम
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि EPS पेंशन में फिलहाल कोई बढ़ोतरी करने की योजना नहीं है। लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में श्रम और रोज़गार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने बताया कि EPS फंड इस समय “एक्चुरियल तनाव” (Actuarial Deficit) यानी भारी वित्तीय घाटे से जूझ रहा है।
उन्होंने जानकारी दी कि मार्च 2019 तक किए गए फंड के मूल्यांकन (Valuation) में बड़ा घाटा सामने आया है, जिसका मतलब है कि फंड अभी अपनी मौजूदा देनदारियों को ही मुश्किल से पूरा कर पा रहा है। ऐसे में, पेंशन की राशि को कई गुना बढ़ाना फंड की सेहत के लिए सही नहीं होगा।
EPS-95 पेंशन योजना में सरकार का योगदान
मंत्री शोभा करंदलाजे ने EPS-95 (कर्मचारी पेंशन योजना-1995) की संरचना को समझाते हुए बताया कि यह एक “Defined Contribution–Defined Benefit” स्कीम है। इस पेंशन फंड में मुख्य रूप से दो योगदान होते हैं: पहला, नियोक्ता (Employer) द्वारा कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 8.33% और दूसरा, केंद्र सरकार द्वारा 1.16% का योगदान।
यह योगदान ₹15,000 मासिक वेतन सीमा तक लागू होता है। क्योंकि फंड में जमा राशि सीमित होती है, इसलिए बढ़ती उम्र, पेंशनभोगियों की संख्या में वृद्धि और महँगाई के कारण, इस योगदान से मिलने वाली वास्तविक पेंशन राशि अपर्याप्त साबित हो रही है। इसी कारण, सरकार फिलहाल ₹1,000 की न्यूनतम पेंशन अपने बजटीय सहयोग से दे रही है और 1.16% का योगदान भी जारी रखे हुए है।
EPS-95 में महंगाई भत्ता (DA) और ₹7,500 तक पेंशन करने की मांग
EPS-95 पेंशनर्स यूनियन्स लगातार यह सवाल उठा रही हैं कि जब महंगाई बढ़ रही है और रोज़मर्रा का खर्च कई गुना ज़्यादा हो चुका है, तो उनकी पेंशन पर महंगाई भत्ता (DA) क्यों नहीं दिया जाता। कई पेंशनर्स का कहना है कि ₹1,000 की मासिक पेंशन में एक परिवार के लिए दवा, किराया और बिजली जैसे ज़रूरी खर्च पूरे करना असंभव है। पेंशनर्स की मुख्य मांग है कि अधिकतम पेंशन सीमा को बढ़ाकर ₹7,500 किया जाए और महंगाई को देखते हुए DA भी दिया जाए। हालांकि, सरकार ने अभी यह स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल पेंशन बढ़ाने या DA देने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है, जिसका मतलब है कि पेंशनर्स को अभी इंतज़ार करना होगा।
इन लोगों को मिलेगा EPS-95 पेंशन योजना का लाभ
EPS-95 (कर्मचारी पेंशन योजना-1995) भारत की एक बहुत अच्छी स्कीम मानी जाती है। यह योजना रिटायरमेंट के बाद पेंशन देने के अलावा, समय से पहले रिटायरमेंट, विकलांगता, विधवा/विधुर, बच्चों और अनाथों के लिए भी पेंशन जैसे कई फायदे प्रदान करती है। कुछ खास मामलों में, माता-पिता भी इस योजना के लाभार्थी बन सकते हैं। इन तमाम लाभों के बावजूद, मौजूदा समय में जो पेंशन की राशि दी जा रही है, उसे काफी कम माना जा रहा है।
EPF हायर पेंशन पर सरकार का जवाब
श्रम और रोजगार मंत्रालय से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हाई वेतन पर ईपीएफ पेंशन लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में सवाल पूछे गए थे। इसके साथ ही, हायर पेंशन के लिए आए आवेदनों, मंजूर हुए मामलों, प्रो-राटा पेंशन और न्यूनतम पेंशन बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जानकारी माँगी गई। सरकार की ओर से राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने इन सभी सवालों का विस्तार से जवाब दिया है। इस जवाब में, ईपीएफओ द्वारा अब तक आवेदनों के निपटारे की स्थिति और भविष्य की योजनाओं का विवरण शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर EPFO ने उच्च पेंशन आवेदनों का किया निपटारा
केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि ईपीएफओ (EPFO) ने सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर 2022 के आदेश को लागू करने के लिए ज़रूरी कदम उठाए हैं। इसके तहत, हायर पेंशन (अधिक पेंशन) के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा शुरू की गई थी। इस सुविधा के शुरू होने पर, 11 जुलाई 2023 तक कुल 17.49 लाख आवेदन जमा किए गए थे। इनमें से 15.24 लाख आवेदनों को नियोक्ताओं (Employers) द्वारा 31 जनवरी 2025 तक ईपीएफओ को भेज दिया गया था। सरकार ने बताया कि 24 नवंबर 2025 तक ईपीएफओ ने इन आवेदनों में से 99% का निपटारा कर दिया है।









