
अगर आप अपने पुराने वाहन की जीवन अवधि (life span) बढ़ाना चाहते हैं, तो अब आपको पहले से दोगुना शुल्क चुकाना होगा। परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों की लाइफ बढ़ाने और उनका फिटनेस टेस्ट (Fitness Test) करवाने के लिए अब साल के हिसाब से नई और महंगी फीस तय कर दी है। इसका मतलब है कि पुराने वाहनों को सड़क पर चलाने लायक बनाए रखने के लिए अब लोगों की जेब पर ज़्यादा भार पड़ेगा।
पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन अब महंगा!
जिले में लगातार वाहनों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें 20 हज़ार से ज़्यादा कमर्शियल वाहन, 2 लाख 55 हज़ार से अधिक दोपहिया वाहन और 21 हज़ार से ज़्यादा पंजीकृत कारें शामिल हैं। इसी बीच, सरकार ने पुराने वाहनों को लेकर एक नया नियम लागू किया है। अब वाहन मालिकों को अपने 15 साल पुराने वाहनों की समय अवधि (रजिस्ट्रेशन) बढ़वाने के लिए अधिक फीस देनी होगी। पहले इसके लिए जहाँ ₹600 का शुल्क लिया जाता था, वहीं अब उन्हें ₹800 जमा करने होंगे।
पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट शुल्क में भारी बढ़ोतरी
पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate) के शुल्क में बड़ी वृद्धि की गई है। अब 20 साल पुराने वाहनों के लिए शुल्क ₹1,000 से बढ़ाकर ₹8,500 कर दिया गया है। वहीं, 20 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए यह शुल्क ₹17,000 होगा। मध्यम वजन वाले वाहनों के लिए भी शुल्क बढ़ा है: 10 साल तक पुराने वाहन के लिए ₹800 से बढ़ाकर ₹1,200; 13 साल के लिए ₹2,000; 15 साल के लिए ₹6,000; 20 साल के लिए ₹11,300 और 20 साल से अधिक पुराने होने पर ₹22,600 शुल्क देना होगा। इसके अलावा, ट्रकों के लिए फिटनेस शुल्क ₹12,000 से अधिकतम ₹28,000 तक तय किया गया है।
फिटनेस और नवीनीकरण के लिए नए शुल्क लागू
पीलीभीत (Pilibhit) के एआरटीओ (ARTO) वीरेंद्र सिंह के अनुसार, शासन ने अब वाहनों के नवीनीकरण (Renewal) और फिटनेस जाँच के लिए नए शुल्क निर्धारित कर दिए हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। विभाग ने वाहन मालिकों को नोटिस भी जारी करना शुरू कर दिया है, जिसमें उन्हें जल्द से जल्द अपने वाहनों की फिटनेस जाँच पूरी कराने के लिए कहा गया है। वाहन मालिकों को अब इन नए शुल्कों के अनुसार ही अपनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।









