
अगर आप भी बार-बार ATM से पैसे निकालते हैं, तो अब आपको सतर्क रहने की ज़रूरत है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने ATM ट्रांज़ैक्शन के नियमों में बदलाव किया है, जो फरवरी और मई 2025 से लागू हो चुके हैं। इन नए नियमों के कारण, फ्री ट्रांज़ैक्शन की तय लिमिट पार होते ही आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि अब ATM का इस्तेमाल पहले से महंगा हो गया है। इसलिए, यदि आपका खाता SBI में है, तो आपको सोच-समझकर ही पैसे निकालने चाहिए। हम आपको बताएंगे कि यह चार्ज कितना बढ़ गया है।
SBI ATM ट्रांजैक्शन के नए नियम
दरअसल, 1 फरवरी 2025 से एसबीआई (SBI) ने एटीएम से पैसे निकालने की फ्री लिमिट और उससे जुड़े फीस के नए नियम लागू कर दिए हैं। इन नए नियमों के तहत अब सभी ग्राहकों के लिए एक जैसी फ्री लिमिट लागू होती है। इसके अनुसार, हर ग्राहक को अब हर महीने एसबीआई के एटीएम पर 5 और दूसरे बैंकों के एटीएम पर 10 फ्री ट्रांजैक्शन मिलते हैं, जिसका मतलब है कि ग्राहकों को पूरे महीने में कुल 15 मुफ्त ट्रांजैक्शन की सुविधा दी गई है।
एटीएम ट्रांजैक्शन नियम और शुल्क
अगर कोई ग्राहक अपने खाते में ₹1 लाख से ज़्यादा औसत मासिक बैलेंस रखता है, तो उसे SBI और दूसरे बैंकों के सभी एटीएम पर असीमित (अनलिमिटेड) मुफ्त लेनदेन (फ्री ट्रांजैक्शन) की सुविधा मिलती है। यदि आप मुफ्त ट्रांजैक्शन की तय लिमिट से ज़्यादा बार पैसे निकालते हैं, तो आपको शुल्क देना होगा। यह शुल्क SBI के एटीएम पर ₹15 + GST और अन्य बैंक के एटीएम पर ₹21 + GST होता है।
एसबीआई एटीएम सेवाओं और शुल्कों के नियम
एसबीआई (SBI) बैंक के एटीएम पर बैंक बैलेंस चेक करने और मिनी स्टेटमेंट निकालने पर कोई फीस नहीं लगती है। लेकिन, अगर आप ये ही सेवाएँ दूसरे बैंक के एटीएम पर लेते हैं, तो आपको ₹10 + GST का शुल्क देना पड़ता है। इसके अलावा, अगर आपके खाते में पर्याप्त पैसा न होने के कारण एटीएम से किया गया लेन-देन (ट्रांजैक्शन) फेल हो जाता है, तो एसबीआई ₹20 + GST का जुर्माना (पेनल्टी) लगाता है।
1 मई से ATM ट्रांजैक्शन हुआ महंगा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 मई 2025 से एटीएम इंटरचेंज फीस बढ़ा दी है। इस बदलाव के कारण, अब ग्राहकों को मुफ्त लेनदेन (Free Limit) की सीमा पूरी होने के बाद, हर ट्रांजैक्शन पर ₹23 का शुल्क देना पड़ रहा है। इसलिए, ग्राहकों के लिए यह बेहतर है कि वे अपनी फ्री लिमिट का ध्यान रखें और गैर-ज़रूरी होने पर बार-बार एटीएम का उपयोग न करें। SBI के अनुसार, ये बदलाव डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए किए गए हैं।









