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हथियार बेचकर मोटी कमाई! सिर्फ अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया का असली हथियार कारोबार खुला, आंकड़े देखकर दंग रह जाएंगे

दुनिया की शीर्ष 100 हथियार निर्माता कंपनियों ने 2024 में हथियारों और सैन्य सेवाओं से रिकॉर्ड $679 बिलियन की कमाई की। यह पिछले साल से 5.9% ज्यादा है। अमेरिका, यूरोप और मिडिल ईस्ट की कंपनियों ने जबरदस्त बिक्री की, जबकि एशिया और ओशिनिया में थोड़ी गिरावट रही। युद्ध और बढ़ती सुरक्षा जरूरतें इन बढोतरी के कारण हैं।​

By Pinki Negi

दुनिया भर में तनाव बढ़ते ही हथियार उद्योग को जैसे नई जिंदगी मिल गई है। हाल की रिपोर्ट्स बताती हैं कि 2024 में दुनिया की शीर्ष 100 रक्षा कंपनियों ने हथियार बिक्री और सैन्य सेवाओं से अब तक का सबसे ज्यादा कारोबार किया। पिछले साल की तुलना में उनकी कमाई में करीब 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो उद्योग के लिए ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। ये आंकड़े बताते हैं कि कैसे वैश्विक संघर्ष ऊर्जा क्षेत्र से ज्यादा हथियारों की मांग पैदा कर रहे हैं।

रिकॉर्ड तोड़ कारोबार का राज

इन कंपनियों का कुल राजस्व 679 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो कभी नहीं देखा गया। यूक्रेन-रूस जंग, इजराइल-हमास टकराव और कई देशों के बढ़ते रक्षा बजट इसके पीछे मुख्य वजह बने। हर तरफ सुरक्षा की चिंता बढ़ी तो हथियारों की होड़ लग गई। छोटे-बड़े देश अपनी सेनाओं को मजबूत करने के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं, जिससे ये कंपनियां फायदा उठा रही हैं।

अमेरिका की कंपनियां अभी भी बादशाह

शीर्ष 100 में अमेरिकी कंपनियों का जलवा बरकरार है। 39 में से 30 कंपनियों ने शानदार नतीजे दिए, खासकर लॉकहीड मार्टिन, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन और जनरल डायनेमिक्स जैसी दिग्गजों ने। अमेरिका का कुल रक्षा कारोबार 334 अरब डॉलर पर पहुंचा, जिसमें 3.8 फीसदी की ग्रोथ हुई। लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं—F-35 जैसे बड़े प्रोजेक्ट में देरी और खर्चे बढ़ने से प्रोडक्शन पर दबाव बन रहा है। फिर भी, ये कंपनियां बाजार पर काबिज हैं।

यूरोप में हथियार बाजार गरमाया

यूरोप की रक्षा कंपनियों के लिए 2024 साल भर खास रहा। रूस का खतरा और यूक्रेन संकट ने कई देशों को रक्षा बजट बढ़ाने पर मजबूर कर दिया। 26 यूरोपीय कंपनियों में से 23 ने बिक्री बढ़ाई और कुल राजस्व 13 फीसदी उछलकर 151 अरब डॉलर हो गया। चेक गणराज्य की Czechoslovak Group ने तो कमाल कर दिया—193 फीसदी की तेजी के साथ यूक्रेन को तोपखाने के गोले सप्लाई कर करोड़ों कमाए।

रूस की कंपनियां भी नहीं रुकीं

प्रतिबंधों के बावजूद रूसी रक्षा कंपनियां पीछे नहीं हटीं। रोस्टेक और यूनाइटेड शिपबिल्डिंग जैसी फर्मों की बिक्री 23 फीसदी बढ़ी, कुल 31.2 अरब डॉलर का कारोबार हुआ। एक्सपोर्ट कम हुए तो घरेलू मांग ने बैलेंस कर दिया। लेकिन कुशल मजदूरों की कमी बड़ी परेशानी बनी हुई है, जो प्रोडक्शन को प्रभावित कर रही है।

मिडिल ईस्ट और एशिया की तस्वीर

मिडिल ईस्ट में इजराइली कंपनियों ने गजब का प्रदर्शन किया—तीन बड़ी फर्मों का राजस्व 16 फीसदी बढ़कर 16.2 अरब डॉलर पहुंचा। गाजा संघर्ष के बावजूद ऑर्डर आते रहे। उधर एशिया-ओशिनिया में हल्की गिरावट आई, कुल 130 अरब डॉलर पर 1.2 फीसदी कमी। चीन में भ्रष्टाचार के आरोपों से कॉन्ट्रैक्ट रद्द हुए और प्रोजेक्ट रुके, जिससे बिक्री प्रभावित हुई।

आगे की राह में क्या चुनौतियां?

ये आंकड़े भले उत्साहजनक लगें, लेकिन लंबे समय के लिए सवाल खड़े करते हैं। क्या ये बढ़ोतरी शांति को और दूर कर देगी? कंपनियों को अब उत्पादन बढ़ाने, मजदूर जुटाने और नई तकनीकों पर फोकस करना होगा। कुल मिलाकर, वैश्विक तनाव हथियार उद्योग को अमीर बना रहे हैं, लेकिन दुनिया को शांति की ज्यादा जरूरत है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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