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आपका Aadhaar तो बंद नहीं हुआ? UIDAI ने 2 करोड़ आधार किए बंद! तुरंत चेक करें

क्या UIDAI ने आपका आधार भी बंद कर दिया है? 2 करोड़ से ज़्यादा आधार नंबर निष्क्रिय (Deactivated) किए जाने की खबर है! कहीं सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने से पहले आपको झटका न लगे, इसलिए तुरंत चेक करें कि आपका आधार नंबर सक्रिय है या नहीं। पूरी प्रक्रिया जानने के लिए पढ़ें!

By Pinki Negi

आपका Aadhaar तो बंद नहीं हुआ? UIDAI ने 2 करोड़ आधार किए बंद! तुरंत चेक करें
Aadhaar Deactivation

देशभर में आधार डेटाबेस को और अधिक सुरक्षित और सटीक बनाने के लिए UIDAI ने एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत, अब तक 2 करोड़ से ज़्यादा मृत व्यक्तियों के आधार नंबर डिएक्टिवेट (Deactivate) कर दिए गए हैं। UIDAI का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय स्तर पर डेटाबेस को अपडेट करने के लिए बहुत ज़रूरी है, जिससे पहचान की चोरी और सरकारी योजनाओं में होने वाली धोखाधड़ी को सफलतापूर्वक रोका जा सके।

UIDAI द्वारा आधार डेटाबेस क्लीन-अप ड्राइव

चूँकि आधार नंबर लगभग हर सरकारी योजना और पहचान प्रक्रिया का सबसे ज़रूरी हिस्सा बन चुका है, इसलिए ऐसे व्यक्तियों के आधार का सक्रिय रहना जो अब जीवित नहीं हैं, कई समस्याएँ पैदा कर सकता है। इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए, UIDAI ने देशभर के कई सरकारी विभागों के साथ मिलकर एक विशाल डेटाबेस क्लीन-अप अभियान (Drive) शुरू किया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आधार डेटाबेस में केवल सक्रिय नागरिकों की सही जानकारी ही मौजूद रहे।

मृत व्यक्तियों से जुड़े आधार डेटा को अपडेट करने के लिए अभियान शुरू

UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने मृत व्यक्तियों से जुड़े आधार डेटा को अपडेट करने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इस डेटा को इकट्ठा करने के लिए RGI (रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया), सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की एजेंसियों, PDS और NSAP जैसे केंद्र और राज्य स्तर के कई विभागों को एक साथ लाया गया है।

यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर सरकारी विभाग इस काम के लिए सहयोग कर रहे हैं। भविष्य में, UIDAI इस प्रक्रिया को और भी बड़ा करने की योजना बना रहा है, जिसमें वित्तीय संस्थानों और अन्य महत्वपूर्ण संगठनों से भी डेटा साझा करने के लिए सहयोग लिया जाएगा।

मृत व्यक्तियों के आधार कार्ड होंगे डीएक्टिवेट (Deactivate)

UIDAI ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मृत व्यक्ति का आधार नंबर दोबारा किसी और को आवंटित नहीं किया जाता है। हालाँकि, मृत्यु के बाद भी आधार नंबर सक्रिय (Active) रहने से कई खतरे पैदा होते हैं। इनमें सरकारी सब्सिडी का गलत इस्तेमाल, बैंकिंग धोखाधड़ी, या पहचान की चोरी (Identity Theft) जैसे जोखिम शामिल हैं। इन्हीं खतरों को खत्म करने और फ्रॉड रोकने के लिए, UIDAI ने अब राष्ट्रव्यापी स्तर पर मृत व्यक्तियों के आधार नंबरों को डीएक्टिवेट (Deactivate) करने का अभियान शुरू किया है।

दिवंगत परिजन का आधार डिएक्टिवेट करने की आसान प्रक्रिया

UIDAI ने हाल ही में एक नई सुविधा शुरू की है, जिससे परिवार का कोई भी सदस्य myAadhaar पोर्टल के ज़रिए दिवंगत परिजन के आधार को डिएक्टिवेट करने की जानकारी दे सकता है। यह सेवा वर्तमान में 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है जो सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) से जुड़े हुए हैं।

मृत्यु प्रमाण पत्र मिलते ही परिवार के सदस्य पोर्टल पर जाकर मृतक का आधार नंबर और मृत्यु पंजीकरण संख्या (Death Registration Number) जैसी बुनियादी जानकारी भरकर रिपोर्ट कर सकते हैं। UIDAI द्वारा सभी विवरणों की जाँच पूरी होने के बाद, उस आधार नंबर को निष्क्रिय (Deactivate) कर दिया जाता है।

मृत व्यक्ति का आधार डिएक्टिवेट करने की प्रक्रिया

यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित और सत्यापन-आधारित होती है:

  • रिपोर्टिंग: परिवार का सदस्य सबसे पहले ऑनलाइन रिपोर्ट करता है।
  • पहचान सत्यापन: रिपोर्ट करने वाला सदस्य पहले आधार के माध्यम से अपनी पहचान प्रमाणित (Authenticate) करता है।
  • दस्तावेज़ जमा करना: इसके बाद, मृत व्यक्ति का आधार नंबर और मृत्यु पंजीकरण प्रमाण-पत्र से जुड़े दस्तावेज़ अपलोड या दर्ज किए जाते हैं।
  • डेटा मिलान: UIDAI अपलोड किए गए डेटा का संबंधित सरकारी विभागों से मिलान (सत्यापन) करता है।
  • डिएक्टिवेशन: सभी डेटा सत्यापित होने के बाद, मृत व्यक्ति का आधार नंबर डिएक्टिवेट कर दिया जाता है।

मृत्यु के बाद आधार डिएक्टिवेट क्यों ज़रूरी है?

भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से डिजिटल पहचान का उपयोग करने वाले देशों में से एक है, जहाँ आधार लाखों सरकारी सेवाओं, बैंक KYC और सब्सिडी हस्तांतरण का मुख्य आधार है। यदि मृत व्यक्तियों के आधार नंबर सक्रिय रहते हैं, तो सरकारी योजनाओं में धोखाधड़ी और पहचान की चोरी का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही, जालसाज़ इन सक्रिय आधार नंबरों का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। UIDAI का यह कदम मृत व्यक्तियों के आधार को डिएक्टिवेट करके न केवल सरकारी डेटाबेस को सुरक्षित बनाता है, बल्कि देश के डिजिटल सिस्टम पर लोगों का भरोसा भी मजबूत करता है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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