
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में है, जिससे मेरठ से प्रयागराज तक का 594 किलोमीटर लंबा सफर अब बहुत आसान हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे पर बनने वाले 1498 बड़े स्ट्रक्चरों में से 1497 पूरे हो चुके हैं। केवल उन्नाव–हल्द्वानी सेक्शन में लगभग छह प्रतिशत काम बाकी है, जबकि बाकी पूरा मार्ग ट्रायल रन के लिए पूरी तरह तैयार हो चुका है।
मेरठ-बदायूं एक्सप्रेसवे का ट्रायल रन जल्द
मेरठ से बदायूं सेक्शन में 129 किलोमीटर लंबाई के सभी निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं। यूपीडा (UPDA) के अधिकारियों के अनुसार, दिसंबर के पहले सप्ताह तक पूरे एक्सप्रेसवे का ट्रायल रन (परीक्षण) पूरा कर लिया जाएगा। ट्रायल रन के बाद अंतिम जाँच होगी और यह एक्सप्रेसवे जनवरी 2026 के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन के लिए प्रस्तावित है।
लड़ाकू विमानों के लिए एयर स्ट्रिप
इस एक्सप्रेसवे पर आपात स्थिति में लड़ाकू विमानों को उतारने के लिए पाँच विशेष स्ट्रक्चर (हवाई पट्टी) बनाए गए हैं। शाहजहांपुर के जलालाबाद में 3.5 किलोमीटर लंबी एयर स्ट्रिप का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। इसके अलावा, तीन और स्थानों को भी इसी तरह विकसित करने की तैयारी तेजी से चल रही है, जिससे देश की रक्षा क्षमता मजबूत हो सके।
मेरठ से प्रयागराज का सफर अब 6 घंटे में
इस छह लेन वाले एक्सप्रेसवे पर गाड़ियाँ 120 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज़ रफ़्तार से चल सकेंगी। इससे मेरठ और प्रयागराज के बीच की दूरी अब सिर्फ छह घंटे में पूरी हो जाएगी। यह न केवल यात्रियों को बड़ी राहत देगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को भी एक नया और तेज़ विस्तार प्रदान करेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बनेगा औद्योगिक कॉरिडोर
गंगा एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ एक औद्योगिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है, जो मेरठ से लेकर प्रयागराज तक के 12 ज़िलों—जैसे हापुड़, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, और रायबरेली—के औद्योगिक क्षेत्रों को नई गति देगा। इस ₹36,230 करोड़ की परियोजना के लिए 7453 हेक्टेयर ज़मीन ली जा चुकी है। भविष्य में इस कॉरिडोर को हरिद्वार तक बढ़ाने की भी योजना है, जिससे यह और अधिक क्षेत्रों को विकास से जोड़ेगा।
सिंभावली रेलवे ट्रैक का काम पूरा, ट्रायल रन जल्द
सिंभावली में रेलवे ट्रैक का रुका हुआ निर्माण कार्य अब पूरा कर लिया गया है, और इसकी रिपोर्ट यूपीडा (UPIDA) को भेज दी गई है। इसके साथ ही, ट्रायल रन का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। ट्रायल रन से पहले, तकनीकी विशेषज्ञों की मौजूदगी में एक विभागीय परीक्षण किया जाएगा, और उसके बाद ही अंतिम ट्रायल की तारीख की घोषणा की जाएगी।









