
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों (DM) को घुसपैठियों पर तुरंत और सख्त कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सीमा में बिना किसी वैध दस्तावेज़ के रहने वाले ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ अवैध गतिविधि के चलते कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक समरसता उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अवैध घुसपैठियों के लिए सीएम योगी का आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध घुसपैठियों से निपटने के लिए निम्नलिखित आदेश जारी किए हैं:
- पहचान सुनिश्चित करें: प्रत्येक जिला प्रशासन अपने क्षेत्र में रहने वाले अवैध घुसपैठियों की पहचान सुनिश्चित करे और नियमानुसार कार्रवाई शुरू करे।
- अस्थायी डिटेंशन सेंटर: घुसपैठियों को रखने के लिए हर ज़िले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए जाएँ।
- आवास और सत्यापन: इन सेंटरों में विदेशी नागरिकता रखने वाले अवैध व्यक्तियों को रखा जाएगा और आवश्यक सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने तक उन्हें वहीं आवास सुनिश्चित किया जाएगा।
- मूल देश भेजना: डिटेंशन सेंटर में रखे गए अवैध घुसपैठियों को तय कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके मूल देश वापस भेजा जाएगा।
योगी आदित्यनाथ का दावा और एसआईआर पर विवाद
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार में चुनावी प्रचार के दौरान दावा किया था कि अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सत्ता में आता है, तो घुसपैठियों को राज्य से बाहर निकालकर उनकी संपत्ति गरीबों में बाँट दी जाएगी।
इसी बीच यूपी सहित देश के 11 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया चल रही है, जिसका विपक्ष कड़ा विरोध कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य वंचित समुदायों के मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों से हटाना है, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इसे लेकर काफी राजनीतिक विवाद भी हो रहा है।









