
उत्तर प्रदेश में इन दिनों चुनाव आयोग की बड़ी तैयारी चल रही है। मतदाता सूची को नया रूप देने के लिए Special Intensive Revision (SIR) अभियान 4 नवंबर 2025 से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान हर जिले में मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची की जांच, नाम जोड़ने और गलतियों को सुधारने का काम पूरा किया जा रहा है।
यह प्रक्रिया केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात और केरल समेत 12 राज्यों में एक साथ चल रही है। इसका उद्देश्य 2026 के आम चुनावों से पहले देशभर में मतदाता सूचियों को पूरी तरह सटीक और अपडेटेड बनाना है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से हो रहा Verification
चुनाव आयोग ने व्यवस्था की है कि नागरिक अपने विवरण को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से अपडेट कर सकें। लेकिन हर किसी को ऑनलाइन प्रक्रिया का लाभ नहीं मिलेगा।
ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा केवल उन मतदाताओं को दी गई है जिनका मोबाइल नंबर वोटर आईडी कार्ड से लिंक है। जिनके मोबाइल नंबर लिंक नहीं हैं, वे सिस्टम में लॉगिन नहीं कर पाएंगे। ऐसे लोगों को अपने BLO (Booth Level Officer) की मदद से ऑफलाइन फॉर्म भरना होगा। यह काम नजदीकी मतदान केंद्र या निर्वाचन कार्यालय में जाकर किया जा सकता है।
Voter Helpline App से भी भर सकते हैं फॉर्म
अगर आपका मोबाइल नंबर लिंक है, तो आप वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम अपने मोबाइल से ही कर सकते हैं। इसके लिए Voter Helpline App सबसे आसान तरीका है, जिसे Google Play Store से डाउनलोड किया जा सकता है।
एप में जाकर “Services” सेक्शन में Enumeration Form पर क्लिक करें, फिर अपना राज्य चुनें। आगे EPIC Number (मतदाता पहचान संख्या) दर्ज कर एक OTP प्राप्त करें। ओटीपी वेरिफाई करने के बाद आप अपनी जानकारी में बदलाव या नया नाम जोड़ने का फॉर्म भर सकते हैं। पूरे प्रोसेस में मुश्किल से 10 मिनट लगते हैं।
दस्तावेजों को लेकर फैली गलतफहमी से सावधान रहें
अभियान शुरू होने के बाद कई लोग यह मान बैठे हैं कि पहचान सत्यापन के लिए निवास प्रमाणपत्र (Residence Proof) अनिवार्य है, जबकि ऐसा नहीं है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि पहचान सत्यापन के लिए किसी भी नागरिक को उपलब्ध 13 मान्य दस्तावेजों में से केवल एक देना पर्याप्त है। यानी अगर आपके पास इनमें से कोई एक डॉक्यूमेंट मौजूद है तो आपका फॉर्म बिना दिक्कत के स्वीकार होगा।
इन दस्तावेजों में से कोई एक होगा मान्य
- केंद्र या राज्य सरकार/उपक्रम का पहचान पत्र या पेंशन आदेश
- 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई सरकारी पहचान पत्र
- जन्म प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट
- मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय का शैक्षणिक प्रमाणपत्र
- राज्य सरकार द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाणपत्र
- वन अधिकार प्रमाणपत्र
- ओबीसी/एससी/एसटी श्रेणी का प्रमाणपत्र
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां लागू हो)
- परिवार रजिस्टर (राज्य या स्थानीय निकाय का)
- भूमि या मकान आवंटन पत्र (सरकारी जारी)
- आधार कार्ड
- कोई अन्य मान्य सरकारी दस्तावेज
मतदाता के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाएं
इस विशेष संशोधन अभियान का उद्देश्य हर योग्य नागरिक को मतदाता सूची में शामिल करना है। यदि आपका नाम सूची में नहीं है, तो अब यही सही समय है प्रक्रिया पूरी करने का। चाहे ऑनलाइन फॉर्म सबमिट करें या BLO के माध्यम से ऑफलाइन, आपका एक कदम आने वाले चुनावों में आपकी आवाज को सशक्त बनाएगा।









