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New Labour Law 2025: आज से बदल गए लेबर लॉ, ग्रेच्युटी, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को भी पे-स्केल और ओवरटाइम पर डबल पेमेंट

भारतीय श्रम कोड ने 29 पुराने कानूनों को खत्म कर 4 नए कोड लागू किए हैं, जो सभी श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, अनिवार्य नियुक्ति पत्र, और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हैं। गिग वर्कर्स, महिलाओं और वरिष्ठ कामगारों के लिए भी विशेष अधिकार हैं। ओवरटाइम पर दोगुना वेतन और एक वर्ष की नौकरी पर ग्रेच्यूटी का फायदा मिलता है। ये सुधार श्रम बाजार को आधुनिक और सुरक्षित बनाते हैं।​

By Pinki Negi

श्रम सुधारों की दिशा में केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक पहल करते हुए संसद से पहले पारित चारों लेबर कोड को लागू कर दिया है। ये नए लेबर कोड 29 पुराने श्रम कानूनों को खत्म कर एक आधुनिक, सरल, और समेकित कानूनी ढांचा लेकर आए हैं, जो श्रमिकों के हितों को बड़े पैमाने पर मजबूत करता है।

श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान

नए कोड के तहत अब गिग वर्कर्स को भी पहली बार सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया गया है, जहां उनके लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर पोर्टेबल होगा और उन्हें वैसा ही सुरक्षा कवच मिलेगा जैसा स्थायी कर्मचारियों को मिलता है। श्रमिकों को अनिवार्य नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे, जो पारदर्शिता और रोजगार के अधिकारों की गारंटी है। ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन देना अनिवार्य होगा और ग्रेच्यूटी पाने के लिए न्यूनतम नौकरी की अवधि पांच साल से घटाकर सिर्फ एक साल कर दी गई है।

महिलाओं और वरिष्ठ श्रमिकों के अधिकार

महिलाओं की सुरक्षा को विशेष महत्व देते हुए, नाइट-शिफ्ट में काम के लिए सहमति के साथ छूट दी गई है और समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया गया है। 40 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों के लिए हर साल मुफ्त चिकित्सा जांच अनिवार्य की गई है, जिससे उनकी सेहत का बेहतर ध्यान रखा जा सकेगा।

काम के घंटे और श्रमिक कल्याण

प्रत्येक कामगार के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी के साथ-साथ हर दिन 8-12 घंटे और सप्ताह में 48 घंटे के बाद काम पर ओवरटाइम अदायगी का प्रावधान है। इसके अलावा, बीड़ी और सिगार श्रमिकों को बोनस पाने के लिए कम से कम 30 दिन काम करने की शर्त जोड़ी गई है।

कार्यस्थलों का सुधार

500 से अधिक कामगारों वाली जगहों पर सुरक्षा समितियां बनाना जरूरी होगा, जिससे श्रमिक सुरक्षा और जवाबदेही बढ़ेगी। वहीं छोटे उद्योगों के लिए प्रशासनिक बोझ कम किया गया है। सिंगल रजिस्ट्रेशन, सिंगल लाइसेंस और सिंगल रिटर्न सिस्टम से कंपनियों की जगह-जगह कई फाइलिंग का बोझ घटेगा।

समेकित श्रम इकोसिस्टम का मकसद

सरकार का कहना है कि ये सुधार भारत के श्रम वातावरण को आधुनिक, सुरक्षित, पारदर्शी और श्रमिक हितैषी बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं। इससे निवेश की स्थिति सुधरेगी और रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी, जिससे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बल मिलेगा।

यह नए लेबर कोड 21वीं सदी की बदलती आर्थिक और तकनीकी जरूरतों के अनुसार श्रम कानूनों को तर्कसंगत बनाते हुए देश के कामगारों के लिए बेहतर वेतन, सुरक्षा और स्वास्थ्य की गारंटी लेकर आए हैं। यह कोड गिग इकॉनमी, डिजिटल सेक्टर और खतरनाक उद्योगों समेत सभी श्रमिकों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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