
मध्य प्रदेश में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी बिजली चोरी रोकने के लिए एक विशेष अभियान चला रही है, जिसके चलते बिजली चोरों पर मुसीबत आ गई है। इस सख्ती का नतीजा यह है कि कंपनी ने अब तक बिजली चोरी करने वालों से 26 करोड़ रुपये की बड़ी रकम जुर्माने के तौर पर वसूल की है। यह कार्रवाई वैध कनेक्शन के उपयोग को बढ़ावा देने और बिजली के अवैध उपयोग को रोकने के लिए की जा रही है।
बिजली चोरी पर सख्त कार्रवाई
कंपनी ने इस साल भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभागों के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों में बिजली चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। कार्यक्षेत्र में 21,850 परिसरों की जाँच की गई, जिसमें अनियमितताएँ मिलने पर ₹29 करोड़ की बिलिंग की गई और तुरंत ₹15 करोड़ की राशि वसूल भी कर ली गई है। यह कदम बिजली चोरी रोकने और राजस्व वसूली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
बिजली चोरी के 12,324 मामले पकड़े गए
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली चोरी रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-135 के तहत सीधे बिजली चोरी के 12,324 मामले पकड़े गए हैं, जिनसे 23 करोड़ रुपये से अधिक की बिलिंग हुई और 11 करोड़ रुपये वसूले गए हैं। इसके अलावा, कंपनी के जांच दलों ने कुल 52 करोड़ रुपये से अधिक की बिलिंग की है।
सतर्कता विभाग ने डेटा विश्लेषण के आधार पर 5,379 संदिग्ध चोरी के मामले विजिलेंस टीम को सौंपे, जिनमें गड़बड़ी पाए जाने पर 50 लाख रुपये से अधिक की बिलिंग कर करीब 6 लाख रुपये वसूल किए गए हैं। कंपनी को बिजली चोरी पारितोषिक योजना के तहत 241 शिकायतें भी मिली हैं, जिनमें भिंड, मुरैना, बैतूल और ग्वालियर से सबसे ज़्यादा थीं। इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 12 लाख रुपये के बिल जारी किए जा चुके हैं।
बिजली चोरी रोकने की इनाम योजना
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली की चोरी और इसके अवैध इस्तेमाल को रोकने के लिए एक इनाम योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, कोई भी नागरिक बिजली के अवैध उपयोग के बारे में विभाग को जानकारी देकर कंपनी की मदद कर सकता है।








