
बिहार सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना को लेकर बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में यह पता चला कि इस योजना के दो लाख से अधिक लाभार्थियों की मृत्यु हो चुकी है, फिर भी उनके नाम पर पेंशन की रकम जारी होती रही। इस खुलासे के बाद सरकार ने ज़िलों को कड़े निर्देश जारी किए हैं, सभी पेंशन लाभार्थियों का “फिजिकल वेरिफिकेशन” पूरा किया जाए और मृत व्यक्तियों के खातों में भेजी गई राशि की वसूली की कार्रवाई की जाए।
समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयशी ने विभागीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा कि जांच और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, ताकि जो व्यक्ति अब पात्र नहीं हैं, उन्हें लाभ न मिले। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि लंबित पेंशन आवेदन मामलों का जल्द निपटारा किया जाए और जमीनी स्तर के कर्मचारी समयबद्ध काम करें।
अब CSC के ज़रिए होगा “लाइफ ऑथेंटिकेशन”
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अब वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन योजनाओं के लिए “भौतिक सत्यापन” यानी लाइफ सर्टिफिकेशन का काम “कॉमन सर्विस सेंटर” (Common Service Centre – CSC) के माध्यम से किया जाएगा। इस पहल में करीब 80,000 CSC कर्मियों की तैनाती की जाएगी, जो ग्रामीण और शहरी इलाकों में जाकर लाभार्थियों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करेंगे।
सबसे अच्छी बात यह है कि यह सेवा पूरी तरह “फ्री ऑफ कॉस्ट” होगी। CSC सेंटर्स पर फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम की सुविधा रहेगी, ताकि जिन लोगों को फिंगरप्रिंट देने में दिक्कत होती है, वे भी आसानी से सत्यापन करा सकें। यह कदम खास तौर पर बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिकों के लिए राहत की खबर है।
1 दिसंबर से शुरू होगा वेरिफिकेशन ड्राइव
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि यह “सत्यापन अभियान” एक दिसंबर 2025 से शुरू होगा। इसके तहत सभी जिलों के सामाजिक सुरक्षा प्रकोष्ठों को समय सीमा तय कर दी गई है। उद्देश्य साफ है, राज्य में चल रही सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे और कोई मृत या अपात्र व्यक्ति सिस्टम में नहीं रहे।
इस अभियान के दौरान CSC कर्मी गांव-गांव जाकर लाभार्थियों से मुलाकात करेंगे और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से उनकी पहचान की पुष्टि करेंगे। जिन मामलों में मृत्यु या फर्जीवाड़े की पुष्टि होगी, वहां सरकारी नियमों के अनुसार रकम की वसूली का आदेश जारी किया जाएगा।
जवाबदेही और पारदर्शिता पर कसता शिकंजा
बिहार सरकार का यह निर्णय यह दिखाता है कि अब सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में “accountability” और “transparency” सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। वृद्धावस्था पेंशन योजना जैसी योजनाएं लाखों वरिष्ठ नागरिकों के लिए जीवनरेखा हैं, लेकिन गलत रिकॉर्ड या सिस्टम की खामियों के कारण धोखाधड़ी के मामले भी सामने आते रहे हैं।
CSC के माध्यम से डिजिटल वेरिफिकेशन शुरू होने से अब सरकारी रिकॉर्ड रियल-टाइम में अपडेट होंगे। इससे भविष्य में गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा रोकने में काफी मदद मिलेगी।
सरकार की मंशा
सचिव बंदना प्रेयशी ने यह भी स्पष्ट किया कि पेंशन योजनाओं के तहत हर पात्र व्यक्ति को उसका लाभ “टाइमली और रेस्पॉन्सिबल गवर्नेंस” के साथ मिलना चाहिए। इसके लिए जिला स्तर पर अधिकारियों को “टारगेट बेस्ड” काम की जिम्मेदारी दी गई है। लाभार्थियों के लिए यह अभियान दोहरी राहत लेकर आता है—एक ओर पारदर्शी सिस्टम के ज़रिए जल्दी भुगतान की उम्मीद, और दूसरी ओर मृत या फर्जी लाभार्थियों को हटाने से सिस्टम की विश्वसनीयता में बढ़ोतरी।









