बिहार में एनडीए विधायक दल की बैठक आज (19 नवंबर 2025) दोपहर 3:30 बजे पटना विधानसभा के सेंट्रल हॉल में हुई। इस बैठक में एनडीए के सभी 202 विधायकों ने नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से विधायक दल का नेता चुना। इसके बाद नीतीश कुमार राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे और नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। गुरुवार, 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री और एनडीए के शीर्ष नेता शामिल होंगे।

नीतीश कुमार का नेतृत्व और शपथ ग्रहण
नीतीश कुमार को एनडीए विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उनका रास्ता सीधा हो गया है। इस बार भी उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा पहले से ही स्पष्ट थी। बैठक में एनडीए के सभी पांच घटक दलों—भाजपा, जेडीयू, लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा—के विधायकों ने उनका समर्थन किया। नीतीश कुमार ने इस बार भी अपनी नेतृत्व भूमिका को बरकरार रखा है, जिससे बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।
मंत्रिमंडल का गठन और विभाजन
नई एनडीए सरकार में मंत्रिमंडल का गठन भी तय हो चुका है। इसमें कुल 34 मंत्री शपथ लेंगे। भाजपा को 15 मंत्री पद मिलेंगे, जबकि जेडीयू को 14 मंत्री पद मिलेंगे (सीएम को जोड़कर दोनों दलों के 15-15 मंत्री होंगे)। चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को 2 मंत्री पद, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 1 मंत्री पद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा) को 1 मंत्री पद मिलेगा। इस तरह एनडीए के सभी घटक दलों को मंत्रिमंडल में न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व मिलेगा।
डिप्टी सीएम और अन्य महत्वपूर्ण नाम
भाजपा की ओर से दो डिप्टी सीएम चुने गए हैं: सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा। ये दोनों नेता बिहार की नई सरकार में अहम भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, जेडीयू के अन्य वरिष्ठ नेता भी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। चिराग पासवान की लोजपा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता भी अपने-अपने दल के लिए मंत्री पद पर आएंगे। इस तरह एनडीए की नई सरकार में सभी घटक दलों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
शपथ ग्रहण समारोह और राजनीतिक महत्व
20 नवंबर को गांधी मैदान में होने वाला शपथ ग्रहण समारोह बिहार की राजनीति में एक ऐतिहासिक घटना होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और एनडीए के शीर्ष नेता शामिल होंगे। इस आयोजन को एक भव्य राजनीतिक उत्सव के रूप में देखा जा रहा है। नीतीश कुमार के 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने के साथ बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होगा।
नई सरकार की चुनौतियां और उम्मीदें
नई सरकार के सामने बिहार की विकास और सुशासन की चुनौतियां होंगी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की नई सरकार बिहार के युवाओं, किसानों, व्यापारियों और आम जनता के लिए नई योजनाएं लाने की उम्मीद कर रही है। इसके अलावा, राज्य की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर भी नई सरकार ध्यान देगी। एनडीए के सभी घटक दलों की भागीदारी से राज्य में राजनीतिक स्थिरता और विकास की उम्मीद बढ़ी है।









