
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत, अब स्ट्रीट वेंडरों को यूपीआई लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। पिछले बजट में घोषित इस कार्ड की लिमिट 30 हजार रुपये तक तय की गई है। यह कार्ड वेंडरों को उनकी आकस्मिक जरूरतों के लिए तत्काल लोन उपलब्ध कराएगा। साथ ही, खुदरा और थोक लेन-देन करने पर उन्हें 1,600 रुपये तक के कैशबैक प्रोत्साहन का फायदा भी मिलेगा।
लोन की राशि बढ़ी और 2030 तक जारी
कोरोना काल में शुरू हुई प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना (PM SVANidhi) के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को अपना काम शुरू करने के लिए लोन दिया जाता है, और अब यह योजना 31 मार्च, 2030 तक जारी रहेगी। बीते अगस्त में सरकार ने लोन की राशि बढ़ा दी है: अब पहली किस्त 10 हजार रुपये से बढ़कर 15 हजार रुपये और दूसरी किस्त 20 हजार रुपये से बढ़कर 25 हजार रुपये कर दी गई है। हालांकि, तीसरी किस्त पहले की तरह 50 हजार रुपये पर ही है।
आवास योजना का नया लक्ष्य और बजट
पिछले अगस्त में सरकार ने बताया था कि इस पुनर्गठित योजना पर कुल 7,332 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना का नया लक्ष्य 50 लाख नए लाभार्थियों को जोड़ते हुए कुल 1.15 करोड़ लाभार्थियों तक लाभ पहुँचाना है। इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी आवास एवं शहरी मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग (DFS) की संयुक्त रूप से होगी। DFS, बैंक और वित्तीय संस्थाओं के जरिए लाभार्थियों को आसान लोन या क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
नई योजना में मिलेगा ज्यादा लोन और डिजिटल फायदे
इस बदली हुई योजना की मुख्य विशेषताओं में पहली और दूसरी किस्त में बढ़ी हुई ऋण राशि शामिल है। साथ ही, दूसरा ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों को यूपीआई से जुड़ा हुआ रुपे क्रेडिट कार्ड भी मिलेगा। खुदरा और थोक खरीद पर डिजिटल कैशबैक का प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। इस योजना का फायदा अब धीरे-धीरे छोटे कस्बों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक बढ़ाया जा रहा है।









