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इनकम टैक्स में होगा बदलाव, 30 लाख आय पर 20% टैक्स? टैक्सपेयर के लिए जल्द होगा बड़ा ऐलान

टैक्सपेयर को बड़ी राहत मिलने वाली है। क्योंकि PHDCCI ने वित्त मंत्रालय को अपनी सिफारिशें सौंप दी है, अगर इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलती है तो मध्यम वर्ग को राहत और मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।

By Manju Negi

क्या आपको पता है देश में आम बजट 2026,27 की तैयारी जोरों सोरो से शुरू हो गई है। हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजधानी दिल्ली में प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ पहली प्री-बजट परामर्श बैठक आयोजित की है जिसके बाद PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) जैसे प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने अपनी सिफारिशों की लिस्ट को वित्त मंत्रालय को भेज दी है।

यह सिफारिशें इनकम टैक्स स्लैब में बड़ी कटौती एवं पत्नी के नाम पर संपत्ति लेने पर विशेष टैक्स छूट जैसे प्रस्ताव हैं, अगर प्रस्ताव मंजूर होते हैं तो मध्यम वर्ग और निवेशकों को काफी राहत प्राप्त होगी।

इनकम टैक्स में होगा बदलाव, 30 लाख आय पर 20% टैक्स? टैक्सपेयर के लिए जल्द होगा बड़ा ऐलान

इनकम टैक्स स्लैब में कटौती का प्रस्ताव!

PHDCCI ने वित्त मंत्रालय को पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करने की सिफारिश की है, ताकि टैक्सपेयर्स की खर्च करने की क्षमता (डिस्पोजेबल इनकम) में बढ़ोतरी हो पाए।

  • एक प्रस्तावित स्लैब है जिसमें 30 लाख रूपए तक की आय पर 20% टैक्स हो, इससे उन टैक्सपियर्स को लाभ होगा जिनकी आय 24 लाख से 30 लाख के बीच है।
  • 50 लाख तक की आय पर 25% टैक्स- इस प्रस्ताव के पास होने पर मध्यम आय वर्ग पर टैक्स का बोझ कम हो जाएगा।
  • 50 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स- अगर ऐसा होता है तो 50 लाख से अधिक कमाने वालों को 7 लाख से अधिक का लाभ होगा।

वर्तमान समय में 24 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स लगता है, जबकि नए जो प्रस्ताव की सिफारिश की गए है उसमें यह लिमिट 50 लाख तक करने की मांग की गई है।

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डायरेक्ट टैक्स के लिए अन्य सुझाव जानें

आयकर प्रणाली को और भी बेहतर बनाने के लिए PHDCCI ने कई अलग अलग और जरुरी सुझाव साझा किए हैं।

  • पत्नी के नाम पर सम्पति खरीदने पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट मिलनी चाहिए।
  • सेस/सरचार्ज एक ही दर में मिला दें।
  • MSME के भुगतान नियमों में छूट, फेसलेस अपील के लिए समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए।
  • इसके साथ ही इनकम टैक्स के सेक्शन 115BAB को फिर से लागू होना चाहिए, नई मेन्युफेक्चरिंग कंपनियों को 15% रियायती कॉर्पोरेट टैक्स मिल पाए।

GST और इनडायरेक्ट टैक्स में प्रस्तावित बदलाव

इनके अलावा CGST एक्ट के सेक्शन 11A में संशोधन करने और पुराने टैक्स छूट से पहले भरे गए टैक्स पर रिफंड मिलने की मांग है। चैंबर का कहना है कि यदि ये सुधार किए जाते हैं और मांग पूरी होती है तो निवेशक और आगे बढ़ेंगे और देश की मेन्यूफेक्चरिंग क्षमता में बढ़ोतरी हो सकती है।

Author
Manju Negi
अमर उजाला में इंटर्नशिप करने के बाद मंजु GyanOk में न्यूज टीम को लीड कर रही है. मूल रूप से उत्तराखंड से हैं और GyanOk नेशनल और राज्यों से संबंधित न्यूज को बारीकी से पाठकों तक अपनी टीम के माध्यम से पहुंचा रही हैं.

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