
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ‘बिजली बिल राहत योजना-2025’ का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही एक महत्वपूर्ण मांग भी रखी है। परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में एक प्रस्ताव दाखिल किया है जिसमें कहा गया है कि जो उपभोक्ता नियमित रूप से बिजली बिल जमा करते हैं, उन्हें भी इस योजना के तहत बिल में 30 प्रतिशत की छूट मिलनी चाहिए। परिषद ने आयोग से अनुरोध किया है कि इस राहत योजना के कानूनी और वित्तीय पहलुओं की समीक्षा की जाए, ताकि समय पर बिल भरने वाले उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े।
समय पर बिल भरने वालों को मिले छूट
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष, अवधेश कुमार वर्मा ने, नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें लाभ पहुँचाने के लिए विद्युत नियामक आयोग में एक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल किया है। इस प्रस्ताव में आयोग से मांग की गई है कि समय पर बिल भरने वाले उपभोक्ताओं को भी विशेष छूट या लाभ मिलना चाहिए।
बिजली बिल में छूट
यदि राज्य सरकार ने राजस्व हानि (Revenue Loss) की भरपाई के लिए पावर कारपोरेशन को सब्सिडी या अनुदान देने की घोषणा की है, तो 1 दिसंबर से शुरू की जा रही यह बिजली बिल में छूट की योजना वास्तव में एक बहुत ही सराहनीय और स्वागत योग्य कदम है।
बिजली उपभोक्ताओं पर न पड़े सब्सिडी का भार
उपभोक्ताओं ने मांग की है कि यदि सरकार किसी योजना के तहत सब्सिडी नहीं देती है, तो उसका आर्थिक बोझ नियमित रूप से बिल भरने वाले ग्राहकों पर नहीं पड़ना चाहिए। यह भी अनुरोध किया गया है कि पावर कॉर्पोरेशन द्वारा बिहार चुनाव के बाद बिजली दरों में वृद्धि का जो प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया गया है, उसे मंजूरी न दी जाए, जिससे बिजली की कीमतों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी न हो।









