
भारत अब विदेशी हथियारों पर निर्भर देश नहीं रहा, बल्कि आज वह दुनिया के लिए स्वदेशी रक्षा उपकरण बनाने और बेचने वाला एक बड़ा निर्यातक बन गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में, भारत ने लगभग $2.5 अरब के हथियार 85 देशों को बेचे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि यह आँकड़ा जल्द ही $5 अरब तक पहुँचे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, अब भारत केवल अपनी सीमाओं की रक्षा नहीं कर रहा, बल्कि वैश्विक शांति में भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की माँग
भारत-रूस की साझेदारी से बनी ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की माँग इस समय विश्व भर में सबसे ज़्यादा है। यह मिसाइल 290 किलोमीटर तक सटीकता से हमला कर सकती है और इसे जहाज, ज़मीन, पनडुब्बी और हवाई प्लेटफॉर्म से दागा जा सकता है। फिलीपींस ने इसका ऑर्डर दिया है, वहीं वियतनाम, इंडोनेशिया और UAE जैसे देश भी इसे खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। यही कारण है कि ब्रह्मोस अब भारत की रक्षा कूटनीति का एक मुख्य स्तंभ बन गई है।
ताकतवर मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम
पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर भारत द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है जो एक ही बार में कई रॉकेट दाग सकती है। यह 75 किलोमीटर तक मार कर सकता है और GPS तकनीक पर काम करता है, जिससे यह कठिन इलाकों में भी बहुत प्रभावी है। कारगिल युद्ध में अपनी क्षमता साबित करने के बाद, अब अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी देश भी इस शक्तिशाली सिस्टम की मांग कर रहे हैं।
भारत में निर्मित तेजस लड़ाकू विमान
तेजस (LCA Tejas) भारत में पूरी तरह से निर्मित एक अत्याधुनिक सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जिसे एचएएल (HAL) ने बनाया है। यह जेट Mach 1.8 की शानदार गति से उड़ सकता है और हवा से हवा तथा हवा से जमीन दोनों तरह के मिशन सफलतापूर्वक अंजाम दे सकता है। इसकी क्षमताओं के कारण अर्जेंटीना, मलेशिया, फिलीपींस और नाइजीरिया जैसे देश इसे खरीदने में गहरी रुचि दिखा रहे हैं।
स्वदेशी आकाश मिसाइल
आकाश मिसाइल भारत का अपना विकसित किया गया एक बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम है, जो एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। इसकी मारक क्षमता 25 किलोमीटर के दायरे में है और यह हर मौसम में प्रभावी ढंग से काम करता है। इस पर सऊदी अरब, वियतनाम और केन्या जैसे देश भी भरोसा कर चुके हैं, जो इसे भारत की रक्षा निर्यात में एक बड़ी सफलता बनाता है और देश की हवाई सुरक्षा को मजबूत करता है।
अर्जुन टैंक की युद्ध क्षमता
अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक DRDO की एक शानदार उपलब्धि है। यह 120 मिमी बंदूक, बेहतरीन फायर कंट्रोल सिस्टम, और नाइट विजन तकनीक से लैस है, जो इसे हर मौसम और इलाके में लड़ने के काबिल बनाता है। इसकी सफलता को देखते हुए, अफ्रीका के देश जैसे नाइजीरिया और केन्या इसे अपने बेड़े में शामिल करने की तैयारी कर रहे हैं।
स्वदेशी धनुष तोप
धनुष हॉवित्जर तोप पूरी तरह से भारत में निर्मित एक लंबी दूरी की फील्ड गन है जो 38 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगा सकती है, खासकर ऊंचे इलाकों में। इसे बोफोर्स तोप का आधुनिक और उन्नत रूप माना जाता है। इसकी क्षमताओं के कारण नेपाल, म्यांमार और वियतनाम जैसे देश इसमें गहरी रुचि दिखा रहे हैं।








