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प्रॉपर्टी के पेपर सही हैं या नहीं? ऑनलाइन चेक करने के लिए अपनाएं ये ट्रिक्स

प्रॉपर्टी खरीदते समय फ्रॉड से बचना है तो पेपर की जाँच करना सबसे ज़रूरी है! अपनी प्रॉपर्टी के दस्तावेज़ ऑनलाइन चेक करने के लिए कुछ आसान ट्रिक्स अपनाएँ। एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (EC) और म्यूटेशन रिकॉर्ड चेक करके सुनिश्चित करें कि आपका निवेश पूरी तरह सुरक्षित है।

By Pinki Negi

प्रॉपर्टी के पेपर सही हैं या नहीं? ऑनलाइन चेक करने के लिए अपनाएं ये ट्रिक्स
प्रॉपर्टी

यदि आप नया मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं या पहले ही खरीद चुके हैं और रजिस्ट्री के कागज़ातों की सच्चाई जानना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए उपयोगी है। अब आप घर बैठे ही अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री से जुड़े दस्तावेज़ों को डिजिटली (ऑनलाइन) चेक कर सकते हैं। इस प्रक्रिया से कागज़ातों की जाँच करना आपके लिए बहुत आसान हो गया है।

जमीन की रजिस्ट्री चेक करना हुआ आसान

अब राज्य सरकारों ने भूमि रिकॉर्ड्स को डिजिटल कर दिया है। इससे जमीन मालिक बिना कहीं गए, मिनटों में अपने कागजात की सच्चाई का पता लगा सकते हैं। पहले इसके लिए सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में लंबी लाइनों में लगना पड़ता था, लेकिन अब ऑनलाइन पोर्टल से यह सब बदल गया है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति www.igrsup.gov.in पर जाकर अपनी रजिस्ट्री आसानी से चेक कर सकता है। इस सुविधा से समय की बचत होती है और साथ ही धोखेबाजों से बचना भी आसान हो गया है।

ऑनलाइन रजिस्ट्री चेक करने का आसान तरीका

हर राज्य का अपना एक आधिकारिक पोर्टल होता है। उत्तर प्रदेश के लिए, आपको igrsup.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। वहाँ जाकर ‘रजिस्ट्री सर्च’ या ‘प्रॉपर्टी डिटेल्स’ टैब पर क्लिक करें। इसके बाद, आपको रजिस्ट्री नंबर, मालिक का नाम, प्लॉट नंबर, ज़िला और रजिस्ट्री की तारीख जैसी कुछ ज़रूरी जानकारी भरनी होगी। जानकारी सबमिट करते ही, आपकी संपत्ति की पूरी डिटेल कुछ ही सेकंड में स्क्रीन पर आ जाएगी।

अपनी रजिस्ट्री की डिटेल चेक करें

डाउनलोड की गई इस डिटेल में आपको मालिक का नाम, रजिस्ट्रेशन की तारीख, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रार ऑफिस जैसी सभी जानकारी मिल जाएगी। अब आप इस ऑनलाइन जानकारी का मिलान अपनी फिजिकल रजिस्ट्री से करें। यदि सभी विवरण आपस में मेल खाते हैं, तो इसका मतलब है कि आपके पास रखा दस्तावेज़ असली है। आप चाहें तो इस ऑनलाइन दस्तावेज़ को डाउनलोड भी कर सकते हैं या इसका प्रिंटआउट भी निकाल सकते हैं।

‘रिकॉर्ड नॉट फाउंड’ आने पर क्या करें?

यदि ऑनलाइन वेरिफिकेशन करते समय आपको ‘रिकॉर्ड नॉट फाउंड’ या ‘इनवैलिड एंट्री’ का मैसेज मिलता है, तो हो सकता है कि आपकी रजिस्ट्री बीच में अटकी हो या फिर फर्जी हो। ऐसी स्थिति में, तुरंत सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाएँ और वहाँ की ऑफिशियल रजिस्ट्री बुक में अपनी एंट्री ज़रूर चेक करवाएँ। यह ज़रूरी है क्योंकि ऑनलाइन डेटा कभी-कभी देर से अपडेट होता है या उसमें कोई गलती रह जाती है। इस वेरिफिकेशन के लिए फीस आमतौर पर ₹50 से ₹200 तक होती है।

प्रॉपर्टी की जांच के लिए ज़रूरी दस्तावेज़

प्रॉपर्टी में किसी भी धोखाधड़ी (Fraud) या विवाद से बचने के लिए एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (EC) लेना बहुत ज़रूरी है। यह सर्टिफिकेट पिछले कई सालों के सभी लेन-देन (लोन, कानूनी दावों) को दिखाता है, जिससे पता चलता है कि प्रॉपर्टी कानूनी रूप से साफ़ है या नहीं। इसके अलावा, म्यूटेशन रिकॉर्ड भी ज़रूर चेक करें, जो यह सुनिश्चित करता है कि मालिकाना हक सही से ट्रांसफर हुआ है या नहीं। अधिकारियों के अनुसार, इन दोनों दस्तावेज़ों को ऑनलाइन अप्लाई करने का पूरा प्रोसेस 5 मिनट में पूरा हो जाता है, जो घर बैठे सुरक्षा और सुकून देता है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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