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Land Reforms Plan: मोदी का सबसे बड़ा फैसला! जमीनें होंगी 25% सस्ती, जल्द लागू होंगे देश बदलने वाले 2 नए कानून !

अब खत्म होगी जमीन की लड़ाई! सरकार "एक देश, एक जमीन रिकॉर्ड" के लिए 'भू-आधार' ला रही है, जिससे जमीन की कीमतें 25% तक गिर सकती हैं। साथ ही, महिलाओं को वर्कफोर्स में लाने की नई नीति से देश की जीडीपी में 50% की बढ़ोतरी हो सकती है।

By GyanOK

भारत एक बड़े आर्थिक बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। सरकार दो ऐसे क्रांतिकारी सुधारों की नींव रख रही है, जो अगर सही तरीके से लागू हो गए, तो देश की अर्थव्यवस्था और समाज की तस्वीर हमेशा के लिए बदल सकते हैं। ये सुधार GST जितने ही बड़े और प्रभावशाली हो सकते हैं। पहला सुधार है जमीन से जुड़ा, जिसका मकसद देश में सदियों से चले आ रहे भूमि विवादों को खत्म करना है। दूसरा सुधार है देश की आधी आबादी, यानी महिलाओं को आर्थिक रूप से और सशक्त बनाना।

Land Reforms Plan: मोदी का सबसे बड़ा फैसला! जमीनें होंगी 25% सस्ती, जल्द लागू होंगे देश बदलने वाले 2 नए कानून !
Land Reforms Plan: मोदी का सबसे बड़ा फैसला! जमीनें होंगी 25% सस्ती, जल्द लागू होंगे देश बदलने वाले 2 नए कानून !

सरकार ने इन सुधारों को जमीन पर उतारने के लिए दो उच्च-स्तरीय पैनलों का गठन किया है। एक पैनल की अगुवाई नीति आयोग के सदस्य राजीव गाबा कर रहे हैं, जो वित्तीय सुधारों पर काम कर रहे हैं। दूसरे पैनल का नेतृत्व कैबिनेट सेक्रेटरी टी.वी. सोमनाथन कर रहे हैं, जो राज्यों के स्तर पर सुधारों का खाका तैयार कर रहे हैं। आइए इन दोनों बड़े सुधारों को विस्तार से समझते हैं।

पहला सुधार: “एक देश, एक जमीन रिकॉर्ड”

भारत में जमीन का मालिकाना हक और रजिस्ट्रेशन एक ऐसी पहेली है, जिसमें देश की न्याय व्यवस्था दशकों से उलझी हुई है। हालत यह है कि देश की अदालतों में सबसे ज्यादा मुकदमे “नाली, खरंजे और मेड़” जैसे छोटे-छोटे भूमि विवादों से जुड़े हैं। हर राज्य, जिले और तहसील में अलग-अलग नियम होने के कारण घर बनाना, बिजनेस शुरू करना या निवेश करना एक बड़ी चुनौती है।

समस्या क्या है?

  • अनगिनत मुकदमे: दीवानी मामलों का एक बड़ा हिस्सा जमीन विवादों का है, जो अक्सर फौजदारी अपराधों में बदल जाते हैं।
  • विकास में बाधा: स्पष्ट मालिकाना हक न होने से प्रोजेक्ट्स में देरी होती है और आर्थिक विकास रुक जाता है।
  • कीमतों में मनमानी: जमीन की कीमतों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में अस्थिरता बनी रहती है।

सरकार का समाधान क्या है?
सरकार ने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) के तहत लगभग 95% भूमि रिकॉर्ड्स को डिजिटल कर दिया है । लेकिन अब सरकार इससे एक कदम आगे जा रही है।​

  • भू-आधार (ULPIN): सरकार हर जमीन के टुकड़े को आधार जैसा एक 14-अंकों का यूनिक नंबर देने की तैयारी में है, जिसे यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) या ‘भू-आधार’ कहा जा रहा है । इससे देश में “एक देश, एक जमीन रिकॉर्ड” की व्यवस्था लागू होगी।
  • स्वामित्व स्कीम: जिन लोगों के पास अपनी जमीन के मालिकाना हक के कागज नहीं थे, उन्हें ‘स्वामित्व योजना’ के तहत अधिकार दिए जा रहे हैं।​

इसका आप पर क्या असर होगा?
एक प्रतिष्ठित मैकिंजी की रिपोर्ट के अनुसार, अगर ये भूमि सुधार पूरी तरह से लागू हो जाते हैं, तो देश में जमीन की कीमतें 25% तक कम हो सकती हैं। इसका मतलब है कि घर खरीदना और व्यापार के लिए जमीन लेना सस्ता हो जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा होगा।​

दूसरा सुधार: महिला शक्ति से दौड़ेगी GDP

भारत की तरक्की का दूसरा इंजन देश की महिलाएं हैं। लेकिन अभी भी भारत की वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 33% है, जबकि चीन और अमेरिका जैसे देशों में यह आंकड़ा 55% से 60% के बीच है। IMF की पूर्व चीफ क्रिस्टीन लगार्ड ने कहा था कि अगर भारत में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर (50%) हो जाए, तो देश की जीडीपी में 50% तक की भारी बढ़ोतरी हो सकती है।

समस्या क्या है?

  • सामाजिक बाधाएं: पारंपरिक सोच और सेफ्टी-सिक्योरिटी की चिंताएं महिलाओं को वर्कफोर्स से दूर रखती हैं।
  • वित्तीय स्वतंत्रता की कमी: महिलाओं के पास अक्सर अपने वित्तीय फैसले लेने की आजादी और जानकारी की कमी होती है।

सरकार का समाधान क्या है?
सरकार ने पिछले कुछ सालों में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  • प्रधानमंत्री आवास योजना: इस योजना के तहत दिए जाने वाले घर महिलाओं के नाम पर रजिस्टर किए जा रहे हैं।
  • जन-धन अकाउंट: 70% से अधिक जन-धन खाते महिलाओं के नाम पर हैं, जिससे उन्हें सीधी वित्तीय सहायता मिल रही है।

अब सरकार इसे और आगे ले जाने की तैयारी में है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने “NPS सखी” जैसी एक नई व्यवस्था का प्रस्ताव दिया है, जिसमें महिलाएं पेंशन प्रोडक्ट्स को बेचने और वित्तीय साक्षरता फैलाने में अहम भूमिका निभाएंगी। सरकार का मकसद सिर्फ महिलाओं को नौकरी देना नहीं, बल्कि उन्हें वित्तीय रूप से साक्षर और स्वतंत्र बनाना है।

यह दोनों सुधार अगर सफलतापूर्वक लागू हो जाते हैं, तो यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। भूमि सुधारों से जहाँ एक ओर निवेश का माहौल बनेगा और मुकदमों का बोझ घटेगा, वहीं महिला शक्ति के जुड़ने से भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को छू सकती है।

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GyanOK
GyanOK एडिटोरियल टीम में काफी अनुभवी पत्रकार एवं कॉपी राइटर हैं जो विभिन्न राज्यों, शिक्षा, रोजगार, देश-विदेश से संबंधित खबरों को कवर करते हैं, GyanOk एक Versatile न्यूज वेबसाइट हैं, इसमें आप समाचारों के अलावा, शिक्षा, मनोरंजन से संबंधित क्विज़ भी खेल सकते हैं।

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