
भारतीय निवेशकों के लिए भारत सरकार समर्थित एसबीआई का पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) एक बेहतरीन और सुरक्षित निवेश विकल्प है। अगर आप हर साल 50 हजार रुपये इस योजना में जमा करते हैं, तो 15 वर्षों के बाद आपकी निवेश राशि लगभग 13,56,070 रुपये तक पहुंच सकती है। इस लेख में, एसबीआई पीपीएफ योजना के लाभ, ब्याज दर, निवेश प्रक्रिया और अन्य जानकारियां विस्तार से समझेंगे।
एसबीआई पीपीएफ योजना क्या है?
पीपीएफ एक लॉन्ग-टर्म सेविंग स्कीम है, जो भारत सरकार द्वारा समर्थित है। इसमें जमा की गई राशि पर सुरक्षित और टैक्स फ्री ब्याज मिलता है। इस योजना की अवधि मूल रूप से 15 वर्ष होती है, जिसे आप पांच-पांच साल के ब्लॉक में बढ़ा भी सकते हैं। यह योजना मिडिल क्लास और सैलेरी वर्ग के लिए निवेश की सबसे भरोसेमंद योजना मानी जाती है, क्योंकि इसमें पूंजी पूरी तरह सुरक्षित रहती है।
ब्याज दर और निवेश सीमा
2025 की ताजा जानकारी के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज दर लगभग 7.1% वार्षिक है, जिसे तिमाही आधार पर संशोधित किया जाता है। इसमें प्रति वित्तीय वर्ष न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1,50,000 जमा किया जा सकता है। आपकी जमा राशि और उस पर प्राप्त ब्याज कम्पाउंडिंग के कारण इससे अच्छा रिटर्न मिलता है।
सालाना ₹50,000 निवेश से लाभ
यदि आप हर साल ₹50,000 जमा करते हैं, तो 15 साल में कुल जमा राशि ₹7,50,000 होगी। इस पर लागू 7.1% ब्याज की कंपाउंडिंग के बाद 15 वर्षों में कुल परिपक्वता राशि लगभग ₹13,56,070 तक पहुंच जाती है। इस राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता, क्योंकि पीपीएफ एक ईईई (इंवेस्टमेंट, इंटरेस्ट, एंड मेट्योरिटी) टैक्स फ्री योजना है।
योजना के अन्य फायदे
- निवेश पर मिलने वाला ब्याज और परिपक्वता राशि पूरी तरह टैक्स फ्री है।
- तीसरे वित्तीय वर्ष से छठे वर्ष के बीच लोन लेने की सुविधा उपलब्ध है।
- सातवें वित्तीय वर्ष के बाद आंशिक निकासी की अनुमति मिलती है।
- खाता खोलना आसान है, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से संभव।
- नाबालिगों के लिए भी अभिभावक खाता खोल सकते हैं।
किसके लिए है यह योजना?
अगर आप एक सुरक्षित निवेश विकल्प में खुद की और परिवार की लंबी अवधि की जरूरतों के लिए फंड बनाना चाहते हैं, तो एसबीआई पीपीएफ आपके लिए उपयुक्त योजना है। यह योजना उन निवेशकों के लिए खास है जो जोखिम कम लेने को प्राथमिकता देते हैं और टैक्स बचत के साथ बचत बढ़ाना चाहते हैं।








