Tags

13 लाख गरीब परिवारों के राशनकार्ड रद्द, BPL लिस्ट से बाहर हुए नाम, ये रही वजह

देशभर में 13 लाख गरीब परिवारों के राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं, जिसके चलते ये परिवार BPL लिस्ट से बाहर हो गए हैं। अचानक इतने बड़े पैमाने पर नाम क्यों काटे गए, और इसके पीछे की मुख्य वजह क्या है? पूरी जानकारी यहाँ देखें कि कहीं आपका नाम भी तो लिस्ट से बाहर नहीं हो गया!

By Pinki Negi

13 लाख गरीब परिवारों के राशनकार्ड रद्द, BPL लिस्ट से बाहर हुए नाम, ये रही वजह
Ration Card Cancel

हरियाणा सरकार की सख्ती और नियमों के कारण, गरीब परिवारों को बीपीएल (BPL) सूची से बाहर किए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले छह महीनों (अप्रैल से नवंबर) के दौरान, राज्य में 11 लाख 83 हज़ार 970 बीपीएल कार्ड धारकों को गरीबी रेखा (BPL श्रेणी) से बाहर कर दिया गया है। अप्रैल में जहाँ 52.50 लाख से अधिक बीपीएल कार्ड धारक थे, वहीं नवंबर में यह संख्या घटकर लगभग 40.66 लाख रह गई है।

लाखों BPL कार्ड रद्द

पिछले दो महीनों से बड़ी संख्या में 4,73,247 BPL (गरीबी रेखा से नीचे) राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। इस कार्रवाई का सीधा असर लगभग 12.89 लाख लोगों पर पड़ा है। कार्ड रद्द होने के कारण, ये सभी लोग अब मुफ्त राशन और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे।

फैमिली आईडी से बीपीएल कार्ड रद्द होने के कारण

नागरिक सूचना और संसाधन विभाग (CRID) द्वारा फैमिली आईडी के आधार पर उन परिवारों के बीपीएल कार्ड रद्द किए जा रहे हैं, जिनकी सालाना आय 1.80 लाख रुपये से ज़्यादा है, या जिनका सालाना बिजली बिल ₹30 हज़ार से अधिक है। इसके अलावा, जिनके पास लाल डोरे में 400 गज से बड़ी ज़मीन, या चार पहिया वाहन, या एक से ज़्यादा दो-पहिया वाहन हैं, उनके कार्ड भी काटे जा रहे हैं।

सरकार का कहना है कि यह कदम असली ज़रूरतमंदों तक लाभ पहुँचाने के लिए उठाया गया है, लेकिन कई शिकायतें हैं कि वेरिफिकेशन में गड़बड़ी के कारण कई पात्र परिवारों के कार्ड भी ग़लत तरीके से काट दिए गए हैं, जिसके चलते लोग अपनी फैमिली आईडी में सुधार करवाने के लिए सरकारी विभागों के चक्कर लगा रहे हैं।

राशन कार्डों की संख्या घटने से डिपो होल्डरों को नुकसान

पिछले कई महीनों से सरकार द्वारा बीपीएल राशन कार्डों की संख्या में लगातार कटौती की जा रही है। एक समय था जब प्रदेश सरकार ने बड़ी संख्या में राशन कार्ड जारी किए थे, लेकिन अब इनकी संख्या लगातार घट रही है। जहाँ पहले एक राशन डिपो पर लगभग 1,000 कार्ड होते थे, वहीं अब ये घटकर 600 से भी कम हो चुके हैं। राशन का वितरण कम होने के कारण, डिपो होल्डरों का कमीशन सीधे प्रभावित हो रहा है, जिसकी वजह से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें