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DigiYatra Airport Service: अब एयरपोर्ट पर चेहरा ही बनेगा आपका बोर्डिंग पास! DigiYatra से मिनटों में होगी एंट्री, लंबी लाइनों से मिलेगा छुटकारा

DigiYatra की फेस-रिकग्निशन टेक्नोलॉजी से अब एयरपोर्ट पर न आईडी की जरूरत, न बोर्डिंग पास! बस चेहरा स्कैन होते ही एंट्री मिल जाएगी और लंबी लाइनों से पूरी तरह छुटकारा। जानें यह नई सुविधा आपकी हवाई यात्रा को कैसे बना देगी सुपरफास्ट और पूरी तरह पेपरलेस।

By Pinki Negi

अक्सर प्लेन से यात्रा के दौरान एयरपोर्ट पर पहचान प्रमाण के लिए लंबी लाइन में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है, जिससे थकान के साथ-साथ आपका टाइम भी बर्बाद होता है। ऐसे में यात्रियों को इस असुविधा को ख़त्म करने के लिए DigiYatra अब भारत के एयरपोर्ट सिस्टम में एक बड़ा बदलाव लेकर आ रहा है। यह चेहरे-आधारित पहचान प्रणाली (Face-Recognition Based Entry) यात्रियों को बिना बोर्डिंग पास और बिना आईडी दिखाए एयरपोर्ट में प्रवेश करने, सुरक्षा जांच पार करने और सीधे बोर्डिंग गेट तक पहुँचने की सुविधा देती है।

यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल, संपर्क रहित और पेपरलेस है, जो आधुनिक हवाई यात्रा को और भी स्मार्ट बनाती है। आसान भाषा में DigiYatra एक बायोमेट्रिक-सक्षम डिजिटल प्रोसेसिंग प्रणाली है, जो यात्रियों को फेस रिकग्निशन के जरिए हवाई अड्डों पर अपनी पहचान स्थापित करने की सुविधा देता है। ऐसे में DigiYatra कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।

DigiYatra कैसे काम करता है

DigiYatra की प्रक्रिया बेहद सरल है। यात्री को अपने मोबाइल में DigiYatra App डाउनलोड करना होता है, जहाँ आधार-आधारित वेरिफिकेशन पूरा करने के बाद स्वयं की एक लाइव फोटो अपलोड की जाती है। जब यह डिजिटल रजिस्ट्रेशन सफल हो जाता है, तब एयरपोर्ट पर प्रवेश करते समय बायोमेट्रिक फेस-रिकग्निशन सिस्टम स्वतः आपके चेहरे को पहचान लेता है। यही पहचान सुरक्षा जांच और बोर्डिंग गेट पर भी दोहराई जाती है, जिससे बार-बार ID दिखाने की जरूरत नहीं पड़ती। यह तकनीक यात्रियों को एक seamless और hassle-free हवाई यात्रा अनुभव प्रदान करती है।

DigiYatra के फायदे

DigiYatra के सबसे बड़े लाभों में से एक है समय की बचत। लंबी लाइनों में खड़े रहने के बजाय यात्री कुछ ही मिनटों में एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकते हैं। यह सुविधा अत्यंत सुविधाजनक है क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ या बोर्डिंग पास को बार-बार दिखाने की आवश्यकता नहीं होती। यह पूरी तरह कागज़ रहित अनुभव है, जिससे हवाई यात्रा पूरी तरह डिजिटल, तेज़ और अधिक सुरक्षित बन जाती है। यात्रियों को एक ऐसा अनुभव मिलता है जिसमें न कोई झंझट है और न ही कोई अनावश्यक देरी।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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