
अगर आप अपना खुद का बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं, और ऐसा कारोबार चाहते हैं जिसमें निवेश कम हो लेकिन कमाई लंबी चले, तो पेपर कप मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस आपके लिए शानदार विकल्प हो सकता है। आजकल चाय, कॉफी, जूस और फास्ट-फूड सर्व करने के लिए पेपर कप की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह कारोबार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सफल साबित हो सकता है।
पेपर कप की बढ़ती डिमांड
पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता और प्लास्टिक पर प्रतिबंध की वजह से डिस्पोजेबल पेपर कप की खपत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। ढाबों, कैफे, रेस्टोरेंट्स से लेकर स्कूलों और आयोजनों तक, हर जगह इन कपों की जरूरत होती है। ग्राहक अब सिंगल-यूज़ प्लास्टिक के बजाय इको-फ्रेंडली विकल्प पसंद कर रहे हैं, जिससे यह सेक्टर लगातार विस्तार कर रहा है।
सरकार का सहयोग और लोन सुविधा
सरकार ने ‘प्लास्टिक फ्री इंडिया’ अभियान के तहत पेपर प्रोडक्ट्स बनाने वाले उद्योगों को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। ऐसे यूनिट्स लगाने के लिए मुद्रा लोन योजना के तहत छोटे उद्यमियों को 75% तक का वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है। यानी अगर आपकी यूनिट सेटअप की लागत 10 लाख रुपये है, तो केवल 2.5 लाख रुपये अपने पास से निवेश करने होंगे। बाकी राशि बैंक से आसान किश्तों में लोन के रूप में मिल सकती है।
बिजनेस शुरू करने की लागत
पेपर कप यूनिट लगाने के लिए लगभग 400–500 वर्गफीट जगह की आवश्यकता होगी। मशीन, कच्चा माल, बिजली कनेक्शन, लेबर और अन्य सेटअप खर्च मिलाकर कुल लागत लगभग 10–11 लाख रुपये तक आती है। यदि आप छोटी यूनिट से शुरुआत करते हैं, तो यह लागत 4–6 लाख रुपये तक भी रह सकती है।
आवश्यक मशीनें और कच्चा माल
इस व्यापार की मुख्य मशीनें हैं – पेपर कप फॉर्मिंग मशीन, कटिंग मशीन और हाइड्रॉलिक सिस्टम। भारत में कई शहरों जैसे दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता और हैदराबाद में ये मशीनें आसानी से उपलब्ध हैं। ऑटोमैटिक मशीन की शुरुआती कीमत 1.5–2 लाख रुपये से शुरू होती है।
कच्चे माल में पेपर रोल्स, बॉटम रील्स, ग्लू और छपाई के लिए पेपर शीट्स शामिल हैं। यदि इन्हें थोक दरों पर खरीदा जाए, तो उत्पादन लागत काफी घट जाती है।
उत्पाद और उत्पादन क्षमता
एक मध्यम आकार की मशीन से रोजाना करीब 20,000 से 25,000 कप बनाए जा सकते हैं। यदि आपका यूनिट औसतन 25 दिन चलता है, तो महीने में लगभग 6–7 लाख कप तैयार हो सकते हैं। पेपर की गुणवत्ता और डिजाइन के आधार पर आप विभिन्न आकारों के कप (50ml से 200ml तक) तैयार कर सकते हैं।
मार्केट और बिक्री के रास्ते
आपको शुरुआत में स्थानीय बाजार, होटल, चाय विक्रेता और कैटरिंग एजेंसियों से संपर्क करना होगा। बड़े ऑर्डर्स के लिए eCommerce प्लेटफॉर्म जैसे IndiaMART, TradeIndia या B2B पोर्टल्स पर अपनी यूनिट रजिस्टर कर सकते हैं। स्थानीय वितरण नेटवर्क तैयार होने पर आपके कप आसपास के जिलों या राज्यों तक भी बेचे जा सकते हैं।
मुनाफे की गणना
पेपर कप का होलसेल मूल्य लगभग 25 से 35 पैसे प्रति कप तक होता है। यदि एक महीने में आप 6 लाख कप बेचते हैं और प्रति कप औसतन 30 पैसे का रेट मिलता है, तो कुल बिक्री लगभग 1.8 लाख रुपये की होगी। उत्पादन और मजदूरी को घटाने के बाद लगभग 70-80 हजार रुपये मासिक शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं। बड़े पैमाने पर उत्पादन और निरंतर ऑर्डर्स पर यह आय लाखों रुपये तक पहुंच सकती है।
व्यवसाय बढ़ाने के सुझाव
- कप्स के अलावा पेपर प्लेट, स्ट्रॉ और बाउल बनाना शुरू करें, इससे उत्पाद रेंज का विस्तार होगा।
- अपने कप्स पर प्रिंटिंग और ब्रांडिंग की सुविधा जोड़कर कॉर्पोरेट क्लाइंट जोड़ें।
- सोशल मीडिया और ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिए ईको-फ्रेंडली ब्रांडिंग करें, ताकि रिटेल और बड़े क्लाइंट्स का भरोसा बढ़े।








