देश में साइबर अपराध और धोखाधड़ी के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे है इसलिए भारत सरकार द्वारा सख्त और बड़े बदलाव किए गए हैं। 1 अप्रैल 2025 से लागू नियमों के तहत, अब से एक व्यक्ति अपने नाम पर 9 ही सिम कार्ड खरीद सकता है। अगर इससे ज्यादा सिम कार्ड वह अपने पास रखता है तो यह गैरकानूनी माना जाएगा और इसके लिए उसे जुर्माना और क़ानूनी कार्यवाई का सामना करना होगा। सरकार ने सिम के गलत इस्तेमाल को रोकने एवं साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया है।

सिम कार्ड की नई सीमा क्या है?
नए टैलीकॉम कानून 2023 के अनुसार, एक ब्यक्ति अपनी आईडी पर लगभग 9 सिम कार्ड ही ले सकता है। यानी की रजिस्टर्ड करा सकता है। इसके अलग जम्मू कश्मीर, असम एवं पूर्वोत्तर राज्यों में केवल ६ सिम कार्ड रखने की सीमा निर्धारित है।
सरकार क्यों कर रही है बदलाव?
धोखाधड़ी पर रोक लग सके इसलिए सरकार ने यह नियम जारी किए हैं। अब लिमिट से अधिक सिम कार्ड खरीदना मना है। स्पैम कॉलिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी।
नियम तोड़ने पर भारी जुरमाना
अगर इन नियमों का उल्लंघन होता है तो करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी। आपके नाम पर कितने सिम एक्टिव है इसकी जानकारी आप सरकार के संचार साथी पोर्टल पर जाकर चेक कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति पहली बार नियम तोड़ता है तो उसे 50 हजार का जुर्माना भरना होगा। बार बार ये गलती दोहराता है तो 2 लाख रूपए का जुर्माना देना होगा। अगर अपनी पहचान छुपाने अथवा गलत काम के लिए सिम ली जाती है तो तीन साल की सजा भी हो सकती है।
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बेचने वालों के लिए अनिवार्य नियम
जितने भी विक्रेता हैं उनके लिए भी नियम जारी किए गए हैं। अब सिम कार्ड बेचने के लिए पंजीकरण करना बहुत जरुरी हो गया है। सिम कार्ड बेचने के लिए एजेंट्स और फ्रेंचाइजी सरकारी पंजीकरण और पुलिस वेरिफिकेशन होना बहुत जरुरी है।








