
भारत सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत गरीब परिवारों को सस्ते दरों पर अनाज देने के लिए राशन कार्ड जारी करती है। ये कार्ड अलग-अलग रंगों जैसे – जैसे लाल, गुलाबी, हरा, या पीला के होते है और हर रंग कार्डधारक की आर्थिक स्थिति और उसे मिलने वाले लाभ की मात्रा को दर्शाता है। यदि आप यह जानना चाहते हैं कि किस रंग के कार्ड पर सबसे अधिक सरकारी सुविधाएँ और लाभ मिलते हैं, तो आपको यह समझना होगा कि ये कार्ड मुख्यतः तीन या चार वर्गों में बँटे हैं, जिनका मतलब राज्य के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है।
गुलाबी/लाल राशन कार्ड का मतलब
गुलाबी या लाल रंग का राशन कार्ड उन अति-गरीब परिवारों को दिया जाता है जो गरीबी रेखा के नीचे आते हैं और जिनकी वार्षिक आय आमतौर पर ₹1 लाख से कम होती है। यह कार्ड धारकों को सबसे अधिक लाभ देता है, जिसके तहत परिवार में सदस्यों की संख्या की परवाह किए बिना, उन्हें हर महीने तय मात्रा में 35 किलो राशन मिलता है। इस कार्ड के कारण इन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान योजना जैसी कई सरकारी योजनाओं में भी सीधा फायदा मिलता है।
पीला/नीला/हरा राशन कार्ड का मतलब
पीला, नीला या हरा राशन कार्ड उन परिवारों को दिया जाता है जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करते हैं और जिनकी वार्षिक आय आमतौर पर ₹1.80 लाख से कम होती है। इन कार्ड धारकों को सरकार की तरफ से रियायती दरों पर अनाज मिलता है, जिसमें आमतौर पर प्रति सदस्य प्रति माह 5 किलो अनाज शामिल होता है। इसके अलावा, ये परिवार उज्ज्वला योजना और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं में भी सब्सिडी और लाभ के हकदार होते हैं।
सफेद या अन्य रंग के राशन कार्ड के फायदे
गरीबी रेखा से ऊपर (Above Poverty Line – APL) आने वाले और आर्थिक रूप से थोड़े बेहतर परिवारों को इस रंग का राशन कार्ड दिया जाता है। इस कार्ड पर मिलने वाला राशन और सब्सिडी बहुत कम या सीमित होती है। ये कार्ड मुख्य रूप से पहचान और पते के प्रमाण के रूप में अधिक उपयोगी होते हैं, और इन पर भारी सब्सिडी वाला राशन नहीं मिलता है, बल्कि प्रति परिवार कम मात्रा में अनाज ही उपलब्ध कराया जाता है।
सबसे ज्यादा फायदा किसे मिलता है ?
राशन कार्ड के विभिन्न रंगों में, गुलाबी या लाल राशन कार्ड धारकों को सबसे अधिक लाभ दिया जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि यह कार्ड देश के सबसे गरीब परिवारों के लिए बनाया गया है। इस कार्ड के तहत, लाभार्थियों को प्रति परिवार एक तय मात्रा, जैसे 35 किलोग्राम चावल और गेहूँ की तय मात्रा मिलती है, जिससे उनकी खाद्य सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित हो जाती है।
 
					







