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Medicine Colors Explained: अलग-अलग रंग की गोलियाँ क्यों बनती हैं, पहचान, डोज़, स्टेबिलिटी और सेफ्टी के कारण

क्या आपने सोचा है कि दवाइयाँ अलग-अलग रंग की क्यों होती हैं? यह सिर्फ डिज़ाइन नहीं है! जानिए गोलियों का रंग उनकी पहचान (Identification), सही डोज़ (Dosage), और सुरक्षा (Safety) से कैसे जुड़ा है। दवाओं के रंग के पीछे छिपे वैज्ञानिक कारणों को यहाँ विस्तार से जानें और खुद को जागरूक करें!

By Pinki Negi

Medicine Colors Explained: अलग-अलग रंग की गोलियाँ क्यों बनती हैं, पहचान, डोज़, स्टेबिलिटी और सेफ्टी के कारण
Medicine Colors Explained

भारत में लगभग हर घर में एक दवाई का डिब्बा ज़रूर होता है, जिसमें बीपी (BP), शुगर (Sugar), या विटामिन्स जैसी कई दवाइयाँ रखी होती हैं। हम अक्सर सर्दी-जुकाम में भी तुरंत गोली ले लेते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि जब दवाएँ एक ही पदार्थ की हो सकती हैं, तो वे सारी सफ़ेद क्यों नहीं होतीं, बल्कि रंग-बिरंगी क्यों होती हैं? दरअसल, दवाइयों का रंगीन होना ज़रूरी होता है, ताकि उनकी आसानी से पहचान की जा सके और भूल से गलत दवाई खाने से बचा जा सके।

दवाइयों के अलग-अलग रंगों का कारण

दवाइयों के अलग-अलग रंग जैसे – जैसे लाल, हरा, नीला, पीला केवल उन्हें आकर्षक बनाने के लिए नहीं होते, बल्कि उनका एक वैज्ञानिक महत्व होता है। ये रंग उन लोगों के लिए बेहद फ़ायदेमंद होते हैं जिन्हें एक साथ कई दवाइयाँ लेनी होती हैं, ख़ासकर बुजुर्गों के लिए, जो नाम नहीं पढ़ पाते। रंगों की मदद से वे आसानी से पहचान सकते हैं कि उन्हें दिन में कौनसी और रात में कौनसी दवा लेनी है। इसके अलावा डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी रंगों से दवाओं की पहचान तेजी से करते हैं, जिससे मरीज को गलत दवा मिलने का खतरा कम हो जाता है।

अलग -अलग रंगों के पीछे उसका मनोविज्ञान

दवाइयों का रंग सिर्फ सजावट के लिए नहीं होता, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं। दवा कंपनियाँ रंग का चुनाव बहुत सोच-समझकर करती हैं, क्योंकि इनका असर हमारे मन पर भी पड़ता है। जैसे- नीला रंग शांति और सुकून का प्रतीक है, इसलिए नींद या एंग्जायटी की दवाएँ अक्सर नीली होती हैं; वहीं लाल रंग जोश और ऊर्जा दिखाता है, जिसका इस्तेमाल एनर्जी बूस्टर दवाओं में होता है, और हरा रंग प्राकृतिक होने के कारण हर्बल दवाओं में उपयोग होता है।

इसके अलावा दवाओं के गहरे रंग (जैसे भूरा/काला) अक्सर आयरन या विटामिन जैसे पोषक तत्वों को दर्शाते हैं, साथ ही यह रंग उनकी कड़वाहट छिपाने और मरीजों को आसानी से खाने में मदद करने का काम भी करते हैं।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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