
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए लगभग 75% अग्निवीरों को अगले एक साल में भारतीय सेना से बाहर कर दिया जाएगा, क्योंकि उन्हें केवल चार साल की सेवा का मौका मिला है। ये वे अग्निवीर हैं जिनकी भर्ती साल 2022 में शुरू हुई थी। ऐसे में यह बड़ा सवाल सामने आता है कि सेना में चार साल पूरे करने के बाद इन हजारों अग्निवीरों को कौन सी नई नौकरी मिलेगी और देश की किन नौकरियों में उनके लिए सीटें आरक्षित की जाएँगी।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को दिए निर्देश
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को यह निर्देश दिया है कि सेना से बाहर होने वाले अग्निवीरों को प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों में नौकरी में प्राथमिकता दी जाए। चूंकि अग्निवीरों के पास सुरक्षा बल में काम करने का अनुभव है, इसलिए सरकार का मानना है कि उन्हें सिक्योरिटी गार्ड या अन्य सुरक्षा-संबंधी पदों पर वरियता मिलनी चाहिए।
कई सरकारी नौकरियों में मिलेगा आरक्षण
सेना में अपनी सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को कई राज्य सरकारें नौकरियों में विशेष आरक्षण दे रही हैं। उत्तर प्रदेश में, उन्हें पुलिस भर्ती (जैसे कॉन्स्टेबल, फायरमैन आदि) में 20% आरक्षण का लाभ मिलेगा, साथ ही उम्र में छूट भी दी जाएगी। इसके अलावा, हरियाणा, असम और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों की सरकारी नौकरियों में भी अग्निवीरों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है, ताकि वे आसानी से दूसरी करियर की शुरुआत कर सकें।
अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों में मिलेगा 10% आरक्षण
केंद्र सरकार ने सेना से बाहर होने वाले अग्निवीरों के लिए एक बड़ी व्यवस्था की है। अब सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, सीएपीएफ (CAPF) और असम राइफल्स जैसे अर्धसैनिक बलों की भर्तियों में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत सीटों का आरक्षण मिलेगा। यह कदम उन सैकड़ों अग्निवीरों को दोबारा वर्दी पहनने का अवसर देगा जो सेना में अपना कार्यकाल पूरा कर चुके होंगे, हालांकि सरकार बड़ी संख्या में बाहर निकलने वाले अग्निवीरों के लिए और भी योजनाएँ तैयार कर रही है।
 
					







