
भारतीय रेलवे अगले साल अपने टिकट बुकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव करने वाला है। अभी एक मिनट में केवल 25,000 टिकट बुक होते हैं, लेकिन नए सिस्टम के आने पर यह क्षमता बढ़कर सवा लाख टिकट प्रति मिनट हो जाएगी! यह तकनीकी सुधार टिकट बुकिंग को बहुत तेज़, ज़्यादा सुरक्षित और पारदर्शी बना देगा, जिससे यात्रियों को कन्फर्म टिकट पाने में काफ़ी आसानी होगी।
टिकट बुकिंग के लिए शुरू होगा नया सिस्टम
रेलवे अपनी टिकट बुकिंग को आसान बनाने के लिए एक नई प्रणाली (system) ला रहा है, जिसे CRIS द्वारा मॉडर्न पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (MPRS) नाम दिया गया है। अगले साल से लागू होने वाली इस नई व्यवस्था से, टिकट बुक करने में कम समय लगेगा। इतना ही नहीं, अब वेबसाइट या ऐप के क्रैश होने की समस्या भी लगभग खत्म हो जाएगी, जिससे यात्रा की प्लानिंग करना तनाव-मुक्त हो जाएगा।
रेलवे नियम आधुनिक क्लाउड-आधारित सिस्टम में होंगे अपग्रेड
भारतीय रेलवे की टिकट आरक्षण प्रणाली (reservation system) अभी भी 1995 की बहुत पुरानी तकनीक (Itanium सर्वर और OpenVMS) पर चल रही है। चूंकि यह तकनीक अब बाज़ार से बाहर हो चुकी है (obsolete), रेलवे इसे बदलकर एक आधुनिक क्लाउड-आधारित सिस्टम में अपग्रेड कर रहा है। यह बदलाव रेलवे के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज़ और भविष्य की ज़रूरतों के लिए तैयार करेगा।
तत्काल टिकट बुक करने वाले यात्रियों के लिए राहत
रेलवे की नई टिकट सिस्टम तत्काल टिकट बुक करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत है! अब वेबसाइट और ऐप की स्पीड पाँच गुना तेज होगी, जिससे लोड पड़ने पर भी सिस्टम धीमा नहीं पड़ेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात, लॉगिन अब आधार सत्यापन पर आधारित होगा, जिससे नकली बुकिंग पर रोक लगेगी। इसका मतलब है कि आपको तत्काल बुकिंग के समय कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना पहले से कई गुना ज़्यादा हो जाएगी, और पेमेंट में रुकावटें नहीं आएंगी।
यात्रियों को मिलेगी बेहतर रेल सेवा
रेलवे एक नई क्लाउड प्रणाली ला रहा है, जिससे PNR स्टेटस और सीट की उपलब्धता जानने की क्षमता दस गुना बढ़ जाएगी। अभी जहाँ एक मिनट में लगभग चार लाख पूछताछ होती है, वहीं नए सिस्टम में यह संख्या 40 लाख प्रति मिनट तक पहुँच जाएगी! इसका सीधा फायदा यात्रियों को होगा, जिन्हें अब ट्रेन की टाइमिंग, किराया और सीट की स्थिति की जानकारी तुरंत और बिना किसी देरी के मिलेगी, जिससे उनका यात्रा अनुभव बेहतर हो जाएगा।








