
दीवाली खत्म होते ही सोना और चांदी के रेट बहुत तेज़ी से गिर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दबाव और डॉलर के मज़बूत होने के कारण इन कीमती धातुओं की चमक फीकी पड़ गई है। पिछले कुछ हफ्तों में, सोने की कीमत ₹12,000 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹36,000 प्रति किलोग्राम तक कम हो चुकी है। इस बड़ी गिरावट से निवेशक थोड़े घबराए हुए हैं, जबकि खरीदार सही मौके का इंतजार कर रहे हैं।
सोना और चाँदी के दाम में भारी गिरावट
हाल ही में सोने और चाँदी की कीमतों में बहुत बड़ी गिरावट देखने को मिली है। 24 कैरेट सोना जो 17 अक्टूबर को ₹1,30,874 प्रति 10 ग्राम के सबसे ऊँचे दाम पर था, वह 28 अक्टूबर तक ₹12,831 सस्ता होकर ₹1,18,043 रह गया है। इसी तरह, चाँदी ने भी 14 अक्टूबर को ₹1,78,100 प्रति किलोग्राम का रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन अब इसकी कीमत गिरकर ₹1,41,896 प्रति किलोग्राम हो गई है। इसका मतलब है कि सिर्फ 15 दिनों में चाँदी ₹36,204 तक सस्ती हो गई है।
मंगलवार को सोने और चांदी के दाम
मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतों में काफी गिरावट आई। दोपहर 12 बजे 24 कैरेट सोने का दाम ₹1,19,164 प्रति 10 ग्राम था, जो शाम 5 बजे तक ₹1,18,043 हो गया, यानी सिर्फ पाँच घंटों में ₹1,121 सस्ता हो गया। कल (सोमवार) के दाम ₹1,21,077 से तुलना करें तो सोना ₹3,034 सस्ता हुआ है। इसी तरह, चांदी में भी बड़ी गिरावट आई है। दोपहर 12 बजे चांदी ₹1,43,400 प्रति किलोग्राम थी, जो शाम 5 बजे तक ₹1,41,896 हो गई, यानी यह ₹1,504 सस्ती हुई है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) कीमतों में उतार-चढ़ाव
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर कल रात सोने की कीमत में भारी गिरावट आई। यह ₹1,528 गिरकर ₹1,19,429 प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गया। सोने का भाव ₹1,17,628 से ₹1,20,106 के बीच रहा, जबकि सोमवार को यह ₹1,20,957 पर बंद हुआ था। इसके उलट, सुबह की गिरावट के बाद चाँदी की कीमतों में शाम को उछाल आया। चाँदी ₹383 बढ़कर ₹1,43,750 प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। ट्रेडिंग के दौरान यह ₹1,39,306 से ₹1,44,388 के बीच रही, और सोमवार को यह ₹1,43,367 पर बंद हुई थी।
सोने और चांदी खरीदने के लिए एक्सपर्ट्स की राय
हाल ही में, सोने और चांदी के दाम इसलिए गिरे हैं क्योंकि निवेशकों ने मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है, डॉलर मजबूत हुआ है, और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समझौते की उम्मीदें बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट सामान्य सुधार (healthy correction) है, न कि लंबी मंदी। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वैश्विक अनिश्चितता (Global Uncertainty) और केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदारी के कारण, इन धातुओं की कीमतें मध्यम समय में फिर से बढ़ेंगी। उनका अनुमान है कि ये कीमतें गिरकर लगभग ₹1.15 लाख के आसपास तक आ सकती हैं।








