क्या आपको पता है भारतीय शिक्षा प्रणाली में बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। अब स्कूल में बच्चों को रटने की जरुरत नहीं होगी क्योंकि केंद्रीय माध्यमिक (शिक्षा बोर्ड CBSE), नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत, नया और आधुनिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च करने जा रहा है। अब बच्चों को याददश्त नहीं बल्कि, उनकी विषयों के प्रति क्या सोच और गहरी समझ को भी परखा जाएगा। अब परीक्षा सिर्फ डर का माहौल नहीं बनेगी बल्कि बच्चों को सीखने की प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी।

कक्षा 3, 5 और 8 के बच्चों के लिए एक नई शुरुवात
CBSE ने इन सभी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए SAFAL नामक परीक्षा को शुरू किया है। इस पूरा नाम लर्निंग एनालिसिस के लिए स्ट्रक्चर्ड असेसमेंट हैं। इस परीक्षा में कक्षा 3, 5 और 8 के सभी छात्रों को शामिल किया जाएगा। इस परीक्षा को कराने का मुख्य उद्देश्य बच्चों के बुनियादी समझ, ज्ञान के इस्तेमाल की क्षमता और उनकी सोचने समझने की शक्ति का पता लगेगा।
यह आकलन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किया जाएगा जिसके बाद परिणाम जानने में मदद मिलेगी। यानी की परिणाम तेज और सही मिलेंगे। इससे स्कूल और छात्रों की कमजोरियों को आसानी से पहचाना जाएगा, इससे उन पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और पढ़ाने के तरीके में सुधार होगा ताकि बच्चों को शिक्षा एक बोझ नहीं बल्कि एक सीखने की चाह होगी।
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यह बदलाव क्यों किया गया?
NEP 2020 के तहत अब परीक्षा केवल बच्चों की याददाश्त तक ही सीमित नहीं, रहेगी बल्कि इसका मेन फॉक्स योग्यता और सीखने की क्षमता पर अधिक होना चाहिए। नए डिजिटल आकलन से जो डेटा इकट्ठा होगा, उसकी मदद से बच्चों की पढ़ाई लिखे में सुधार किया जाएगा ताकि उसके परिणाम सही आए और वह भविष्य के लिए बेहतर बन सके।
SAFAL रिपोर्ट का उपयोग करके शिक्षक बच्चों की शिक्षा में और अच्छे से मदद कर सकते हैं। वे बच्चों के अभिभावक को भी बेहतर समझा सकेंगे कि वे अपने बच्चों पर कैसा ध्यान दें।








