भविष्य को सुरक्षित करने अथवा पैसों की जरुरत आसानी से पूरी हो जाए इसके लिए भारत सरकार द्वारा पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) स्कीम को शुरू किया गया है जिसमे सालाना एक तय सीमा के तहत पैसे जमा किए जाते हैं। यह एक सुरक्षित और टैक्स बचत निवेश होता है, लेकिन इसके नियम भी काफी सख्त हैं जिनका पालन करना जरुरी होता है।
हाल ही में एक मामला सामने आया है जो कि केरल का है। जिसमें एक महिला ने गलत तरीके से अपने और दो बच्चों के PPF खातों में गलत तरीके से पैसे जमा किया और यह गलती बहुत भारी पड़ गई। डाकघर ने महिला से 6.87 लाख रूपए का ब्याज वापस लिया। अगर आपका भी PPF अकाउंट है तो यह खबर आपको जरुर पढ़नी चाहिए।

केरल हाईकोर्ट ने क्या फैसला लिया?
यह मामला 22 मार्च 1999 का है, जब एक माँ पोस्ट ऑफिस गयी और अपने साथ अपने दो नाबालिग बच्चों का PPF अकाउंट ओपन किया। लेकिन माँ ने नियमों को सही से नहीं समझा और बच्चों के बालिग होने के बाद भी पैसे जमा किये। लेकिन 2017 में डाकघर को भनक लग गई कि इस महिला ने अपने और बच्चों के तीनों खातों में पैसे जमा करने की सीमा को पार कर दिया है। यह जमा राशि निर्धारित वार्षिक सीमा से अधिक हो गई थी और डाकघर ने महिला पर कार्यवाई की। जिसके चलते महिला से 6,87,021 रूपए का ब्याज वापस वसूला।
इसके बाद उस महिला ने डाकघर द्वारा अपने खिलाफ की गई कार्यवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जाकर याचिका दायर की, लेकिन लास्ट में महिला की अपील को ख़ारिज किया गया और डाकघर के पक्ष में यह फैसला लिया गया।
PPF का नियम 3 क्या है?
निवेश की क्या सीमा है इसकी जानकारी बताते हुए केरल हाईकोर्ट ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड अधिनियम 1968 के नियम 3 के तहत जानकारी दी है। कोई भी व्यक्ति अपने खाते और अपने नाबालिग बच्चों के खोले अकाउंट में कुल मिलकर, तय सीमा के तहत ही सालाना 1,50,000 रूपए जमा कर सकते हैं। यानी की इससे अधिक पैसे जमा नहीं कर पाएंगे।
लेकिन कोर्ट का कहना है कि, जाँच पड़ताल में सामने आया है कि मां ने अपने नाबालिग बच्चों के अकाउंट खोले थे लेकिन जब वे बालिग हो गए फिर भी उनके अकाउंट में पैसे जमा किए, और ऐसा करके इन्होने नियम 3 का उल्लंघन किया है। यह पैसे कुल जमा सीमा में गिने जाते हैं और माँ ने और पैसे जमा करके यह लिमिट पार कर दी है।
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PPF निवेशकों के लिए बड़ी चेतावनी
इस मामले से पीपीएफ निवेशकों को बड़ा सबक मिलता है, कि अपने और नाबालिग बच्चों के खातों को मिलाकर 1.5 लाख रूपए की वार्षिक सीमा के नियमों का पालन करना बहुत जरुरी है। अगर अपना बच्चा बालिग हो जाता है तो उसके पपीएफ अकाउंट से सम्बंधित सभी नियमों को अच्छे से जान लें और उनका पालन करें। आपको नए खाते से जुड़ी जानकारी जरूर पता होनी चाहिए। अगर आप इन नियमों का सही से पालन करते हैं तो PPF के सुरक्षित और टैक्स फ्री ब्याज का फायदा आप आसानी से उठा पाएंगे।








